मातृभाषा को मिला ‘यूनाइटेड ऑर्गनाइज़ेशन’ में स्थान*

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मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए भी लड़ेगा मातृभाषा उन्नयन संस्थान

इंदौर।

हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत यूनाइटेड ऑर्गनाइज़ेशन का साथ मिला है, इसी के साथ, अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा संबद्धता प्रदान करते हुए संस्थान को मानव अधिकारों की रक्षा के लिए भी भारत से बतौर सहभागी संस्थान अपने साथ जोड़ा है।
ज्ञात हो कि विश्व भर में मानव अधिकारों की रक्षा के लिए अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग सक्रियता से कार्यरत है, जिससे सभी देशों के मानवाधिकार आयोग, राजदूत आदि जुड़े हैं। आयोग का मुख्यालय यूरोप महाद्वीप के चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में है।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान विगत तीन वर्षों से सतत हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के साथ संधि होने से संस्थान के कार्यों का अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर विवेचन हुआ है, इसके माध्यम से भाषा प्रचार के साथ-साथ मानव अधिकारों को भी संरक्षित करने की ज़िम्मेदारी मिली है। चूँकि आयोग का भारत सहित श्रीलंका, पोलैंड आदि राष्ट्रों में प्रतिनिधित्व स्थापित है। हम भी अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे और भारत में इस दिशा में कार्य करेंगे।’
संस्थान की इस उपलब्धि पर शिखा जैन, डॉ. नीना जोशी, गणतंत्र ओजस्वी, कवि मुकेश मोलवा, भावना शर्मा, देवेंद्र जैन, कपिल तिवारी, नितेश गुप्ता, जलज व्यास आदि ने आयोग के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया एवं हिंदी-प्रेमियों को बधाई प्रेषित की।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।