मिल जाए लिखी अच्छी बाते,
उस पर अम्ल होना चाहिए।
भले ही मेरा भारत महान नहीं,
उसे हमेशा महान कहना चाहिए।।
करना चाहती है वे देह व्यापार,
पर उसे वैश्या कोई भी ना कहे।
अच्छा है उनको फिल्म इंडस्ट्री में
अच्छी हीरोइन बन जाना चाहिए।
बोलता रहे झूठ भरी अदालत में,
पर उसे सजा न मिलनी चाहिए।
अच्छा है किसी शहर में जाकर
बड़ा वकील बन जाना चाहिए।।
चलती रहे उसकी तानाशाही,
कोई उसका विरोध भी न करे।
अच्छा है वह किसी अदालत में,
न्यायधीश बन जाना चाहिए।।
चाहता है अगर करना लूट मार,
पर उसे कोई डाकू लुटेरा न कहे।
अच्छा है उसको इस देश का,
एक राजनेता बन जाना चाहिए।।
चाहते है सुख मांस मदिरा स्त्री का
कोई भी भोगी आपको न कहे।
बना लो कोई बढ़िया सा आश्रम,
उसका धर्म गुरु बन जाना चाहिए।
चाहते आप सबको बदनाम करना,
कोई भी आपको बदनाम न करे।
लेे लो एक माइक हाथ में तुम,
प्रेस रिपोर्टर बन जाना चाहिए।।
करे न कोई बाल बांका तुम्हारा,
करे न बुराई गंदे इल्जाम की।
ले लो नागरिकता तुम भैया,
इस सच्चे भारत महान की।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम