देश को कोरोना से बचाने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं हम सब की है

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कोरोना के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं और जिंदगी जो ठहर सी गई थी धीमे धीमे रफ्तार भी पकड़ने लगी है। कुछ कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी हर जगह लगभग सारी गतिविधियां शुरू होने लगी हैं।

जब कोरोना के मामले सैकड़ों में थे तो लॉकडाउन लागू किया गया पर आज जब संक्रमण के मामले लाखों में हैं तो देश को लगभग पूरी तरह खोल दिया गया है।

सरकार का यह फैसला सोच समझकर लिया गया फैसला है। अगर लॉकडाउन को और आगे बढ़ाया जाता तो रोज कमाने खाने वाले, छोटे व्यवसायी और अल्प आय वर्ग के लोगों की हालत और भी खराब हो जाती। जरूरी हो गया था कि धीरे धीरे जनजीवन को पटरी पर लाया जाय।

ये कहना गलत नहीं होगा कि कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे इस लॉकडाउन में परेशानी न हुई हो। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां जबरदस्त नुकसान न हुआ हो लेकिन लॉकडाउन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। सरकार के आगे लोगों की जान बचाने से बड़ी प्राथमिकता दूसरी नहीं हो सकती थी।

अब इस बात को ठीक से समझ लेना जरूरी है कि देश को कोरोना से बचाने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं हम सब की है। अब अपना ख्याल हमें खुद रखना होगा। वैसे भी हम महीनों से कोरोना के संक्रमण से बचने के तरीके सीख रहे हैं। अब यह हम पर है कि सरकार और चिकित्सकों द्वारा दिए गए सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों का समझदारी के साथ पालन कर खुद भी सुरक्षित रहें और अपने परिवार को भी सुरक्षित रखें…

#स्वयंभू शलभ

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।