अवसाद के विरुद्ध जंग में जारी रहे डिजिटल काव्य पाठ

0 0
Read Time3 Minute, 24 Second

कवि मोलवा ने बढ़ाया कवियों का हौसला

इंदौर ।

कोरोना संक्रमण काल में जहाँ एक ओर व्यक्ति कोरोना से जूझता रहा और दूसरी ओर घर बैठे-बैठे व्यक्ति अवसादग्रस्त भी होता ही गया, ऐसे काल में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के माध्यम से राष्ट्रीय कवि मुकेश मोलवा के फेसबुक पृष्ठ पर नवोदित और स्थापित कवियों द्वारा नियमित एक घण्टे काव्य पाठ करवा कर लोगों को तनाव से मुक्त करने का महनीय कार्य किया।
संस्थान के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं ओज के प्रसिद्ध कवि मुकेश मोलवा के फेसबुक पृष्ठ पर दस हजार से ज्यादा प्रशंसक जुड़े हैं,उसी पृष्ठ पर एक माह में देश के प्रसिद्ध कवि और कवियित्रियों जिनमें दीपशिखा रावल, हेमन्त बोर्डिया, दीपक पारिख, राज शेखावत, प्रियंका रॉय, नरेंद्रपाल जैन, हास्य कवि सुनील व्यास,आयुषी राखेचा, पल्लवी त्रिपाठी, पुष्पेंद्र पुष्प, अनिल उपहार, हिमांशु भावसार, पंकज प्रसून, कुलदीप रंगीला, शंभुसिंह मनहर, संदीप सांदीपनी, सतीश शाश्वत, सरला शर्मा, नीरज निर्मोही, विपिन वत्सल, गौरव साक्षी, कमलेश शर्मा व प्रदयुम्न शर्मा द्वारा काव्य पाठ किया गया।
पृष्ठ का संयोजन हिमांशु भावसार हिन्द द्वारा किया गया। इन डिजिटल काव्य पाठ को लाखों लोगों द्वारा देखा गया।

संस्थान द्वारा आरम्भ ‘एक युद्ध अवसाद के विरुद्ध’ अभियान में कवि मुकेश मोलवा ने महती भूमिका अदा करके कोरोना संक्रमण काल में लोगों को तनाव मुक्त रखने का कार्य किया।
कवि मोलवा ने बताया कि ‘जब सम्पूर्ण विश्व इस आपदा के शिकार रहा तो ऐसे दौर में कवियों ने अपनी काव्य पंक्तियों के माध्यम से जनजागृति भी पैदा की और लोगों को तनाव मुक्त भी रखा।वे बधाई के पात्र हैं।’
अवसाद के विरुद्ध अभियान के लिए संस्थान के संरक्षक डॉ. वेदप्रताप वैदिक, राजकुमार कुम्भज, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.नीना जोशी, राष्ट्रीय महासचिव कमलेश कमल, राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, भावना शर्मा, देवेंद्र जैन, नितेश गुप्ता, जलज व्यास, लक्ष्मण जाधव, मोनेश जैन, डॉ.वासिफ़ काज़ी, आदि ने बधाइयाँ प्रेषित करके हौसला बढ़ाया।

matruadmin

Next Post

फाइटर

Tue Jun 2 , 2020
पाँच बज रहे थे।चाय की तलब से बुरा हाल हो रहा था रजत का।उठकर किचन में आया तो झूठे बर्तन मूँह चिढा रहे थे।चाय का सस्पेन भी बर्तनों के बीच औंघे मूँह पङ़ा था। गैस के स्लेब पर दो-तीन कोक्रोच घूम रहे थे।किचन की हालत देखकर ऊबकाई सी आने लगी […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।