0
0
Read Time39 Second
आम
मतलब
हर पल
किसी अनहोनी की
आशंका में
डरा हुआ
आदमी
इसी बात से खुश
आदमी तो है
मगर
इसका कोई
मतलब भी है
हर वक्त
खुद से भागता
कल का समय
काटने के
बहाने ढूंढ़ता
अपने
बच्चों तक से
झूठ बोलता
कोई चेहरे का
दर्द न पढ़ सके
इसके लिए
हर दिन
नए मुखौटे
लगा-लगा कर
आखिर
कहां
बचता है आदमी।
अर्द्धेन्दु भूषण
इन्दौर, मध्यप्रदेश
लेखक वर्तमान में दैनिक प्रजातंन्त्र के सम्पादक और स्तम्भकार है।
Post Views:
752