आभक्त की भगवान से प्रार्थना

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हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना |
हो गये है हम बिन दर्शन के ,
अब तो अपने पट खोलो ना ||

जब जब भक्तो ने पुकारा ,
तुम झटपट दौड़े दौड़े आये |
कभी राम बनकर कभी कृष्ण बनकर ,
कभी नरसिंग बनकर आये ||
अब किस रूप मे आओगे जरा बताना |,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

लगे पड़े सभी नर्स डॉक्टर ,
और लगे पड़े सरकारी अधिकारी |
इनसे भी मुक्त न हो पाये है ,
कोरोना पड़ा है सबको भारी ||
हे प्रभु ! अब तो उढ्धार करो ना |,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

समझ रहे है अशक्त अपने को ,
चाहे जीतने हो वे बलशाली |
रूस,अमेरिका birtain स्पेन ,
इटली ईरान हो रहे है खाली ||
हे प्रभु ! इनको आबाद करो ना ,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

जहा जहा हम द्रष्टि घुमाते ,
वहाँ वहाँ मौतों के अम्बार लगे है |
शव दफनाने की जगह नहीं है ,
सभी लोग अब रोने लगे है ||
हे प्रभु ! इनके आँसू पूछो ना ,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

लगे सभी वैज्ञानिक दुनिया के ,
कोरोना की दवा बनाने मे | ,
चारो तरफ प्रयत्न हो रहे ,
कोरोना को खत्म करने मे ||
पर किसी से दवा बनी ना ,
हे प्रभु ! तुम्ही दवा बनाओ ना |,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।