बिजली के नंगे तारों से,
चिड़िया धोखा खा जाती,
गलती से चोंच भिड़ा जाती |
करंट खाकर मर जाती ||
कौन उसे यह बात बताये,
नंगे तारों पर न चोंच लड़ाये,
पर वो बेचारी समझ न पाये |
चिड़िया जाये तो कहाँ जाये ||
पेड़ बचे अब बस थोड़े से,
उड़ान की थकान से थककर,
बिजली के तारों पर विश्राम करे |
अपनों से प्यार भरी दो बातें करे ||
झट करंट दोनों में दौड़ पड़े,
बड़ी दु:खद घटना घट जाती,
वैज्ञानिकजी कोई अविष्कार करो!
नन्हीं-नन्हीं चिड़ियों का संकट हरो |
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl