अटल काव्यांजलि साहित्यिक समूह सतना का वार्षिकोत्सव सम्पन्न, उमरिया से नीर हुये सम्मानित

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अटल काव्यांजली साहित्यिक संस्थान सतना के प्रथम वार्षिकोत्सव दत्ता रेसीडेन्स जबलपुर में 08/09/2019 रविवार को सम्पन्न हुआ जिसकी संयोजिका डॉ मीना भट्ट जी पूर्व न्यायधीशा जबलपुर,संस्थान के अध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र प्रताप सिंह भ्रमर जी ,संस्थापक तामेश्वर शुक्ल तारक निर्देशक राजेश श्रीवास्तव प्रखर थे मुख्य अतिथि बसंत कुमार शर्मा जी जीसीडीएम जबलपुर,राजेश श्रीवास्तव जी न्यायाधीश जबलपुर, वार्षिकोत्सव के प्रथम चरण पर माँ सरस्वती की पूजा अर्चन कर प्रारंभ किया गया,प्रथम चरण संस्थान की दो पत्रिका काव्य केतु,काव्य शिखा साझा संकलन का विमोचन किया गया इसके अतिरिक्त अन्य पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।द्वितीय चरण सम्मान समारोह पे सभी सम्मानित किया गया व तृतीय चरण में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था
जिसमें ख्याति नाम कवियों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी जिनमें प्रयागराज से नीलिमा मिश्रा ,रविशंकर विद्यार्थी अजमेर से नीलिमा तिग्गा,जयपुर से डॉ रिखब चंद राँका,रायपुर छत्तीसगढ़ से डॉ किरणलता वैद्य, गुना से एल.एन.कोष्टी,सिंगरौली से अजय केशरी,विजय लक्ष्मी संवेदना,रीवा से डॉ अतुल द्विवेदी अंजाना जी,दीपाली पाण्डेय दीया,आशीष पाण्डेय जिद्दी जी,प्रखर द्विवेदी,अम्ब्रीश अम्बर,तामेश्वर शुक्ल तारक,उमरिया से नवीन कुमार भट्ट नीर,चित्रकूट से डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह भ्रमर,अतर्रा से प्रियंका तरंग सीधी से अरुणिमा अनमोल थी वहीं जबलपुर से छाया सक्सेना,भावना दीक्षित के साथ ही स्थानीय साहित्यकारों,पत्रकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
अटल काव्यांजलि साहित्यिक समूह द्वारा मुझे सम्मानित किया गया ज्ञातव्य हो की यह सम्मान संस्थान के अध्यक्ष,संस्थापक,निर्देशक मुख्य अतिथि की उपस्थिति मे साल,संस्थान मोमेंन्टो ट्राफी,एक हजार एक सौ रुपये नग,माला,विशिष्ट रचनाकार सम्मान से सम्मानित किया गया।डॉ रिखब ने भी अपनी उपस्थिति में दर्जनों साहित्यकारों को साल भेंट कर सम्मानित किये।संस्थान के द्वारा आयोजित यह प्रथम वार्षिकोत्सव वाकई में अद्वितीय छाप छोड़ी जिसकी सराहन हर ओर से दिखाई दी व्यवस्था से लेकर सम्मान समारोह आयोजन तक चाक चौबंद हर एक क्षण अद्वितीय रहा मुझे गर्व है मैं इस संस्थान का अलंकरण पद पर लग्न पूर्वक कार्य कर रहा हूँ।

नवीन कुमार भट्ट नीर
जिला उमरिया मध्यप्रदेश

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।