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दिल में होना चाहिए
राष्ट्र का हित,
न की जातियों में
ब्राम्हण-दलित।।
माथे पे लिखा नहीं
धर्म किसी का,
ईश्वर-अल्ला पर
विवाद नहीं उचित।।
राजनिति को
घर से बाहर ही रहने दो,
रहे प्रेम आपस में
सुन लो मेरे मीत।।
मिलकर करें काम
हम सब ऐसा की,
बढ़ते चले आगे
दुनिया जाये जीत।।
#संजय अश्क बालाघाटी
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