नई दिल्ली सांध्यकालीन संस्थान ने 8 मार्च, 2019 को भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली के परिसर में संस्थान की अध्यक्ष और सुप्रसिद्ध समाजसेवी सुश्री सुरेंदर सैनी की अध्यक्षता में “डॉ. नगेन्द्र साहित्यिक संगोष्ठी और दीक्षांत समारोह’’ संपन्न हुआ। संस्थान के प्रभारी और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. पूरन चंद टंडन ने संगोष्ठी का कुशल संयोजन और संचालन करते हुए अतिथियों का स्वागत किया और विषय-प्रवर्त्तक प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी तथा विशिष्ट अतिथि प्रो. वी. रा. जगन्नाथन का परिचय देते हुए उनके साहित्य एवं भाषा संबंधी अवदान से अवगत कराया। संस्थान के सचिव और दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. शिव कुमार शर्मा ने संस्थान का परिचय देते हुए संस्थान में परिचालित गतिविधियों एवं पाठ्यक्रमों की जानकारी दी।
संगोष्ठी का विषय था “भाषा का आधुनिकीकरण और अनुवाद”। विषय का प्रवर्त्तन करते हुए संस्थान के निदेशक और सुविख्यात भाषाविज्ञानी प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी ने अपने बीज वक्तव्य में भाषा के विकास में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए परंपरागत और आधुनिक मूल्यों की ओर संकेत किया। उन्होंने आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में औद्योगिकीकरण, बौद्धिकीकरण, शहरीकरण, धर्मनिरपेक्षीकरण, व्यक्तीकरण, पश्चिमीकरण आदि विभिन्न आयामों का भी विवेचन किया। प्रो गोस्वामी ने आधुनिकीकरण में अनुवाद की महत्ता के बारे में बताते हुए हिन्दी भाषा के विकास में नवीन अभिव्यक्तियों, संपूर्ण अनूदित शब्दों, व्याख्यात्मक अनुवाद, सर्जनात्मक अनुवाद, मिश्रित अनुवाद, अनूदित पारिभाषिक शब्दावली आदि के योगदान की चर्चा भी की। विभिन्न उदाहरणों द्वारा गोस्वामी जी ने विषय की परतें खोलीं और विषय का महत्व बताते हुए अपने तर्कों की पुष्टि की।
समारोह के विशिष्ट अतिथि, सुप्रसिद्ध भाषाविद और इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक प्रो. वी. रा. जगन्नाथन ने अपने वक्तव्य में समाज और भाषा के सतत विकास को एक-दूसरे से प्रभावित मानते हुए समाज की आधुनिकता को स्पष्ट किया। उन्होंने मांनकीकरण की प्रक्रिया की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने अनुवाद को आधुनिकीकरण की पहचान और मानदंड माना क्योंकि अनुवाद की आवश्यकता एवं प्रयोजन आधुनिकता के विशेष योगदान के प्रमाण माने जाते हैं। प्रो. जगन्नाथन ने सुझाव देते हुए अनुवाद की राष्ट्रीय नीति निर्धारित करने और भाषा आयोग के गठन की आवश्यकता पर बल दिया।
दीक्षांत समारोह के अंतर्गत वर्ष 2017-18 के स्नातकोत्तर अनुवाद पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को डिप्लोमा और पुरस्कारों का वितरण किया गया। संस्थान की अध्यक्ष सुश्री सुरेंदर सैनी, प्रो. वी. रा. जगन्नाथन और प्रो. गोस्वामी ने डिप्लोमा और पुरस्कार प्रदान किए। मुख्य अतिथि किन्हीं कारणों से पधार नहीं पाए।
सुश्री सुरेंदर सैनी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में विद्यार्थियों को आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन देते हुए उन्हें बधाई और शुभ कामनाएँ दीं। समारोह के समापन में संस्थान के कोषाध्यक्ष और इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के डॉ. हरीश कुमार सेठी ने संगोष्ठी की सफलता पर सभी विद्वानों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस समारोह में भारतीय विद्या भवन के विद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. अंजु टंडन, केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के पूर्व निदेशक डॉ. बिचार दास, श्री राज किशोर सिन्हा, डॉ. कुल भूषण शर्मा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
डॉ. शिव कुमार शर्मा,
सचिव
वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई