यादों के झरोखे से… अमर अकबर एंथोनी

0 0
Read Time3 Minute, 59 Second
edris
भाग 2………
निरन्तर ,,,,,
होनी को अनहोनी करदे
अनहोनी को होनी,,,,
एक जगह जब जमा हो तीनो,
अमर अकबर एंथोनी,,,,
Screenshot_2019-03-08-03-34-45-932_com.android.chrome
फ़िल्म के निर्देशक मनमोहन देसाई ने जब फ़िल्म का टाइटल बताया अमिताभ को तो अमिताभ डर गए और बोले,
मन आजकल पारिवारिक फिल्मे चल रही है जैसे बड़ी बहन, छोटी बहू,तो इसमें इस नाम की फ़िल्म
अमर अकबर एंथोनी कैसे चलेगा
तो इस पर मन मुस्कुरा दिए फिर बोले “चलेगा चलेगा दौड़ेगा””
फिर अमिताभ ने एक मुहूर्त दृश्य जिसमे तीनो हीरो अस्पताल में बेड पर लेटे हुवे एक वृद्ध महिला को खून दे रहे है, अमिताभ इसपर बोले कि यह तर्कसंगत दृश्य नही है, इस पर भी मन वही बोले
अमित तर्क मत खोजो यह संवेदनाए है यानी इमोशन्स जो बिकते है देश मे,,
मनमोहन की फ़िल्म शूट के दौरान उसी स्टूडियो में दूसरे सेट पर फ़िल्म परवरिश का शूट चल रहा था तो मनमोहन दोनों तरफ समय दे रहे थे अमर अकबर एंथोनी का एक दृश्य लगा जिसमे अमिताभ को आईने के सामने दृश्य करना था, निर्देशक मन ने अमिताभ को रिहल्सल का समय दिया और परवरिश के सेट पर चले गए, जब वापस आए तो आमिताभ ने उस दृश्य के फिल्मांकन को पूरा कर चुके थे, तो मन ने पैकअप कर दिया,,
जब फ़िल्म पूरी हो चुकी और फ़िल्म की स्क्रीनिंग रखी गई,,
 तो मन की आदत थी कि बीच स्क्रीनिंग के किसी को बाहर या अंदर आने जाने की इज़ाजत नही होती थी, लेंकिन यह दृश्य जब आया यानी अमिताभ का आईने वाला तो मन खुद उठ कर थियेटर से बाहर आ गए तो अमिताभ भी पीछे पीछे बाहर गए
अमिताभ ने डरते हुवे मन से पूछा कि मन तुम्हे सीन पसन्द नही आया क्या
मन बोले अब मेरी हर फिल्म में तुम हीरो होंगे
आगे हुवा भी यही
मन और अमिताभ की जोड़ी ने
परवरिश 1977, सुहाग 1979,नसीब 1981, देश प्रेमी 1982, कूली 1983, मर्द 1983, गंगा जमुना सरस्वती 1989,
जैसी फिल्में साथ साथ मे की,,
फ़िल्म से जुड़ी चंद यादे पिछले भाग में शेष रह गई थी तो उसे पूरा कर दिया
ऐसे ही फिल्मी किस्से आपसे सांझा करता रहूंगा “”यादों के झरोखे”” में,
 यदि आपका प्यार मिलता रहा तो,

#इदरीस खत्री

परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नजरो का मिलना 

Sun Mar 10 , 2019
जब से मिली है, तुम से नजरे । तब से न जाने, क्या हो गया । अब तो आँखे भी, शर्मा ने लगी  । किसी और से , नजरे मिलाने को।। तेरे इंतज़ार में, एक उमर हो गई । रात रुक सी गई, और सहर हो गई । पता नहीं […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।