भाग 2………
निरन्तर ,,,,,
होनी को अनहोनी करदे
अनहोनी को होनी,,,,
एक जगह जब जमा हो तीनो,
अमर अकबर एंथोनी,,,,
फ़िल्म के निर्देशक मनमोहन देसाई ने जब फ़िल्म का टाइटल बताया अमिताभ को तो अमिताभ डर गए और बोले,
मन आजकल पारिवारिक फिल्मे चल रही है जैसे बड़ी बहन, छोटी बहू,तो इसमें इस नाम की फ़िल्म
अमर अकबर एंथोनी कैसे चलेगा
तो इस पर मन मुस्कुरा दिए फिर बोले “चलेगा चलेगा दौड़ेगा””
फिर अमिताभ ने एक मुहूर्त दृश्य जिसमे तीनो हीरो अस्पताल में बेड पर लेटे हुवे एक वृद्ध महिला को खून दे रहे है, अमिताभ इसपर बोले कि यह तर्कसंगत दृश्य नही है, इस पर भी मन वही बोले
अमित तर्क मत खोजो यह संवेदनाए है यानी इमोशन्स जो बिकते है देश मे,,
मनमोहन की फ़िल्म शूट के दौरान उसी स्टूडियो में दूसरे सेट पर फ़िल्म परवरिश का शूट चल रहा था तो मनमोहन दोनों तरफ समय दे रहे थे अमर अकबर एंथोनी का एक दृश्य लगा जिसमे अमिताभ को आईने के सामने दृश्य करना था, निर्देशक मन ने अमिताभ को रिहल्सल का समय दिया और परवरिश के सेट पर चले गए, जब वापस आए तो आमिताभ ने उस दृश्य के फिल्मांकन को पूरा कर चुके थे, तो मन ने पैकअप कर दिया,,
जब फ़िल्म पूरी हो चुकी और फ़िल्म की स्क्रीनिंग रखी गई,,
तो मन की आदत थी कि बीच स्क्रीनिंग के किसी को बाहर या अंदर आने जाने की इज़ाजत नही होती थी, लेंकिन यह दृश्य जब आया यानी अमिताभ का आईने वाला तो मन खुद उठ कर थियेटर से बाहर आ गए तो अमिताभ भी पीछे पीछे बाहर गए
अमिताभ ने डरते हुवे मन से पूछा कि मन तुम्हे सीन पसन्द नही आया क्या
मन बोले अब मेरी हर फिल्म में तुम हीरो होंगे
आगे हुवा भी यही
मन और अमिताभ की जोड़ी ने
परवरिश 1977, सुहाग 1979,नसीब 1981, देश प्रेमी 1982, कूली 1983, मर्द 1983, गंगा जमुना सरस्वती 1989,
जैसी फिल्में साथ साथ मे की,,
फ़िल्म से जुड़ी चंद यादे पिछले भाग में शेष रह गई थी तो उसे पूरा कर दिया
ऐसे ही फिल्मी किस्से आपसे सांझा करता रहूंगा “”यादों के झरोखे”” में,
यदि आपका प्यार मिलता रहा तो,
#इदरीस खत्री
परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।