लंबे अरसे के बाद आज की रात हम सुकून से सोए हैं!
भूलकर सारी दुनिया को फिर से हम खुद में खोए हैं!!
चैन भी नही मिला नींद भी मुक्कमल नही थी..
बीत जाती जो घड़ी लगा कि बस वही सही थी..
कुछ बाते थी अनकही कुछ पर तो मैंने कही थी..
बदल गए थे वो सब अफसाने पर मैं तो वही थी..
नजर ना लगा देना यारो ख्वाबों को खुद में पिरोए हैं!
लंबे अरसे के बाद आज की रात हम सुकून से सोए हैं!!
अनजान शख्श के लिए खुद को हमने खोया था..
अपनी ही राहों में खुद कांटा “मलिक” बोया था..
“सुषमा” का दिल फिर हर पल जार जार रोया था..
देकर दर्द वो सुकून से हर पल पनाहों में सोया था..
हमे ना जगाना यारो हम नींद में खुद को डुबोए हैं!
लंबे अरसे के बाद आज रात हम सुकून से सोए हैं!!
#सुषमा मलिक
परिचय : सुषमा मलिक की जन्मतिथि-२३ अक्टूबर १९८१ तथा जन्म स्थान-रोहतक (हरियाणा)है। आपका निवास रोहतक में ही शास्त्री नगर में है। एम.सी.ए. तक शिक्षित सुषमा मलिक अपने कार्यक्षेत्र में विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक और एक संस्थान में लेखापाल भी हैं। सामाजिक क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रयोगशाला संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेखन विधा-कविता,लेख और ग़ज़ल है। विविध अखबार और पत्रिकाओ में आपकी लेखनी आती रहती है। उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था ने सम्मान दिया है। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी आवाज से जनता को जागरूक करना है।