मोहब्बत और इखलास सब भूल गया…

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hanif

इंसान इंसान का दुश्मन हुआ, मोहब्बत और इखलास सब भूल गया।
अपने मतलब के लिए,
तहजीब और इंसानियत भूल गया।।

जाने कैसी सीख में लगा,
मजहब और ईमान गया।
ऐसा भटका है राह-ए-तालीम से,
खुद ही अपना घर भूल गया।।

चारों तरफ फैला शैतानियत का जोर,
रिश्वतखोरी का है बोलबाला।
क्या करना है,क्या नहीं करना,
मालूम है पर भूल गया।।

अपना काम बनाने को,नाच रहे सब बनके मोर।
चारों तरफ बिछा है बारूद, मौत का भी डर भूल गया।।

जहाँ बिछी थी कभी मोहब्बत की चादर,
बैठा करते थे सब मिलकर।
खून खराबे के आगे,मोहब्बत की वो चादर भूल गया।।

कौन है अपना-कौन पराया,समझना है मुश्किल।
रिश्ते हुए शर्मसार अब तो,भाई-भाई का बन गया कातिल।

इंसान इंसान का दुश्मन हुआ, मोहब्बत और इखलास सब भूल गया।
अपने मतलब के लिए,
तहजीब और इंसानियत भूल गया।।

                                                                #मोहम्मद हनीफ खान मन्सूरी

परिचय : मोहम्मद हनीफ खान मन्सूरी पत्रकार होने के साथ ही स्थानीय कवि भी हैं। आपने एमएससी(कम्प्यूटर) की शिक्षा प्राप्त की है और विदिशा जिला के श्मशाबाद में रहते हैं। लेखन कार्य छात्र के रूप में प्रारम्भ किया था,जो अब भी जारी है। स्थानीय अखबारों एवं पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुईं हैं।

matruadmin

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