आया है प्यारा वसंत
मन भावन पावन वसंत ।
धरती पर छायी हरियाली
नयी उमंग छायी खुशहाली ।
कोयल काली कूक रही है
वृक्षों पर वह झूल रही है ।
नव कोपल डाली मुसकाये
देखो अब ऋतुराज जी आये ।
पीला पीला खिला है सरसों
ऐसा दृश्य दिखा था बरसों ।
पीली चादर ओढ़ें धरती
पूर्ण किया श्रृंगार वसंती ।
मादक तरुणाई मन हरती
तनमन सब न्योछावर करती ।
ठंडी हवा चली पुरवाई
मंद मंद खुश्बू है आई ।
लग गये आमों में अब फूल
आयी गर्मी समय न भूल ।
टेशू फूल भी फूलन लागे
रंग बिरंगे सपने जागे ।
तितली मडराएं फूलों पर
भवरें गाते गीत उन्हीं पर ।
मौसम भी खुशनुमा हुआ है
वृक्षों का फिर मिलन हुआ है ।
परिचय-
नाम -डॉ. अर्चना दुबे
मुम्बई(महाराष्ट्र)
जन्म स्थान – जिला- जौनपुर (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा – एम.ए., पीएच-डी.
कार्यक्षेत्र – स्वच्छंद लेखनकार्य
लेखन विधा – गीत, गज़ल, लेख, कहाँनी, लघुकथा, कविता, समीक्षा आदि विधा पर ।
कोई प्रकाशन संग्रह / किताब – दो साझा काव्य संग्रह ।
रचना प्रकाशन – मेट्रो दिनांक हिंदी साप्ताहिक अखबार (मुम्बई ) से मार्च 2018 से ( सह सम्पादक ) का कार्य ।
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काव्य स्पंदन पत्रिका साप्ताहिक (दिल्ली) प्रति सप्ताह कविता, गज़ल प्रकाशित ।
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कई हिंदी अखबार और पत्रिकाओं में लेख, कहाँनी, कविता, गज़ल, लघुकथा, समीक्षा प्रकाशित ।
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दर्जनों से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रपत्र वाचन ।
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अंर्तराष्ट्रीय पत्रिका में 4 लेख प्रकाशित ।