हमारा प्यारा मांडव

0 0
Read Time1 Minute, 52 Second
gopal
मांडव उत्सव पर विशेष कविता………..      
कण-कण जिसका प्रेम  गाथा सुनाएं
प्राकृतिक सौंदर्य सबके मन को भाएं ।
विन्ध्यांचल  पर्वत  श्रंखला  पर बसा
माण्डव का गुणगान  सारा जग गाएं ।।
हिंडोला , जहाज महल देख मन हर्षाएं
चतुर्भुज श्रीरामजी दर्शन मांडव में पाएं ।
रूपमती महल से माँ नर्मदा के होय दर्शन
कांकडा खो,डायनासोर पार्क रोमांच जगाएं ।।
जामा मस्जिद , गुंबद , इमारतों  की कलाएं
वास्तु,नक्काशी जो  देखें  मंत्रमुग्ध  हो जाएं ।
नील कंठेश्वर महादेव के दर्शन से मिलें सुकून
इको पाईंट अपनी आवाज़ का जादू दिखाएं  ।।
मांडू का प्रसिद्ध मेवा खिरनी मन ललचाएं
सीताफल  की  बहार  भी  यहाँ  खूब आएं ।
बरसात  में  जैसे  बादल  खेलते हमारे संग
देख हरियाली,बहते झरनें दिल गदगद हो जाएं ।।
मांडू उत्सव में कलाकार दिखाते अपनी कलाएँ
कवि सम्मेलन , मीरा  की  जिरात रंग जमाएं ।
साहस , रोमांच से भरें खेलों  में दिखाते हुनर
चित्रकार चित्र बनाकर दिखातें इसकी सुंदरताएं ।।
तान  भरती   हवाएं  ,  गुनगुनाती  लताएं
सुरीले लोकगीत रुपमती की याद दिलाएं ।
म.प्र.के धार जिले का जो हैं हृदय  स्थल
आओं हम मांडव उत्सव धूमधाम से मनाएं ।।
# गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नववर्ष से मिली सीख

Fri Dec 28 , 2018
वक्त गुजर रहा था अपने हिसाब से वह 29 दिसम्बर की सर्द इरात थी अगले सुबह मुझे और रिनू को जाना था नये साल सेलेब्रेशन पर इसलिए हमलोग तैयारी में लगे थे दर असल मेरी छुट्टी आज ही अप्रूव हुई थी इसलिए मैने दो टिकिट ट्रेभल एजेंसी से उपलब्ध करवा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।