नवगीत

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shubdha vajpei
अधरों की वाणी  शब्दों में,
 बतरस घोल रही ।
अपने हिय की करुण ,
कहानी कविता बोल रही ।।
प्रेम पगे धागे रिश्तों का,
हार बनाया है ,
मन आशा के दीप जला
संसार बसाया है ,
सपने टूटें नहीं शब्द मैं,
चुन-चुन तोल रही।
घायल मन जब जब होता है,
अक्षर रोते हैं ,
खुलें न मन की गाँठे आँसू,
मुख को धोते हैं
प्यासे मन की करुण कहानी ,
लिख लिख बोल रही।
छल छन्दों की कुटिल भूमिका,
इसे न भाती है ,
अपनेपन की सौंधी खुशबू
खूब लुभाती है,
हृदय पटल की हौले हौले
साँकल खोल रही।
सच दर्पण सबको करवाता
आदर्शों का भान ,
देता है इतिहास पुराना
झूठ गलत का ज्ञान
बची विरासत ही पुरखों की
बस अनमोल रही।
राजमहल की रही न दासी,
राग न दरबारी ,
रही प्रजा की सदा संगिनी,
कभी नहीं हारी ,
धरती जैसी कालचक्र की
 गति भी गोल रही ।
नाम-शुभदा बाजपेई
जन्म -5 अप्रैल 
शिक्षा-स्नातक, कानपुर विश्वविद्यालय
पता–कानपुर(उत्तरप्रदेश)
कार्य-गृहणी ,लेखन ,गीत ,गज़ल, मुक्तक,छन्द,दोहे
समय समय पर समाचार पत्रों एवम् साँझा काव्य संग्रह प्रकाशित
उपलब्धियां –
भारतीय साहित्य उत्थान समिति दिल्ली द्वारा *गगन स्वर  सेवी सम्मान 
महिला शक्ति सम्मान ४/५/२०१४ प्रतीक चिन्ह प्रमाणपत्र 
 
कवि  हम तुम सम्मान एवं प्रतीक चिन्ह 
 
अलंकार साहित्यिक सभा द्वारा  काव्य  पाठ( प्रथम) प्रमाणपत्र  
 
आगमन  साहित्यिक संस्था द्वारा उत्कृष्ट काव्य पाठ सम्मान एवं प्रतीक चिन्ह 
 
शहीदों को नमन -शहीद दिवस पर  विशिष्ट काव्य पुरूस्कार एवं मैडल 
चौथा सोशल मीडिया मैत्री सम्मलेन सक्रीय सहभागिता सम्मान एवं प्रतीक चिन्ह 
हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी  सामाजिक एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा काव्य प्रतिभा खोज कार्यक्रम सहभागिता सम्मान 
 
कविता लोक गौरव सम्मान 
गीतिकालोक संस्था द्वारा गीतिका श्री सम्मान 
नवसृजन संस्था द्वारा प्राप्त मंचीय काव्य पाठ सम्मान 
आकाशवाणी पर प्रसारण ,जनता कवि  दरबार में काव्यपाठ 
अन्य कार्य –गीत, गज़ल ,मुक्तक,छन्द दोहों के माध्यम से लेखन कार्य में रत 
समय  विभिन्न पात्र पत्क्रियों में रचनाएँ प्रकाशित एवं मंचों पर काव्य पाठ !
आकाशवाणी  दिल्ली से काव्य पाठ का प्रसारण ।
द्वारिका मे रेडियो स्टेशन दिल्ली में अभी व्यक्ति अनुभूति कार्यक्रम में काव्य पाठ एवम् साक्षात्कार।
सजल सप्तक द्वितीय में सजल गौरव सम्मान
हिन्दी भाषा साहित्य अकादमी से गीत काव्य प्रतिभा  सम्मान

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।