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कुछ लोगो के शांत चेहरे पर मक्कारी छिपी है।
आईने को गुमराह करने की भी अय्यारी छिपी है।।
गुमान है इन्हें आसमान में उड़ने का कुछ ऐसे,
जिस घोसले ने आसरा दिया इन्हें जीवन भर,
उस घोंसले का अस्तित्व ही झुठलाने लगे है।
माना कि ऊँचाई पर उड़ने का अपना अलग ही मजा है।
थक कर आएगा घोसले में,माना आज अभिमान भरा है।।
ऊँचाई पर उड़ते हुए अपने आपको नही भूलना चाहिए।
कांधो पर बैठाकर जिसने उड़ना शिखाया उन कांधो को
कभी ना भूलना चाहिए।।
#नीरज त्यागीग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश )
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