अल्लाह बचाए रु मी टू से  

0 0
Read Time3 Minute, 55 Second

suresh sourabh

खुदा के फजल से अच्छी-खासी गृहस्थी चल रही थी, पर जब से यह मी टू का वायरस शुरु हुआ है तब से दिल में तूफान मचा पड़ा है। मुझे अपने कालेज के वो पुराने दिन याद आने लगे जिनकी सुनहरी यादें सीने में दफन थी। वैसे कालेज के दिनों में मेरा किसी से लफड़ा-वफड़ा नहीं  रहा, हां दो-चार चटकीली-मटकीली तितलियों से मौका पाकर नैन-मटक्का कर लिया करता था। अब दिल में हूक उठ रही है कहीं ऐसा न हो वे नाजनीनें कहीं से टपक पड़े और छाती ठोंक कर कहें यही वह पचास केजी आदमी है, जो आंखें फाड़-फाड ़कर हमारे आस-पास भंवरे की तरह घूमता रहता था। खैर! ये मेरे पूर्व जन्म के पुण्य का संचय है कि अभी तक बीस साल पुरानी  वे तितलियां प्रकट नहीं हुइंर् वर्ना अपनी भी इज्जत का इस दिवाली में दिवाला निकल जाता।

अगर ऐसे ही मी टू का लफड़ा चलता रहा तो अभी पता नहीं और कितने नेता, मंत्री, पत्रकार, अभिनेता सब बेभाव निपट जाएं। जिनकी तस्वीरां और पिक्चरों को देखकर हम जुल्फें संवारा करते थे , अब उनके मी टू मिशन से उतरे सारे कपड़े देखकर घिन आने लगी है। नंगई का यह चरित्र अब थोक भाव से सोशल मीडिया में झोकमझोंक चल रहा है। अभी और कितने आदमियों  का कितने गुलबदनो के द्वारा गुलकंद बनेगा , यह किसी कच्चे लंगोट वाले को नहीं पता, अब सभी कच्चे लंगोट वालो को दिन-रात खप्पर लिए काली-कपाली नजर आने लगी है।  देश में अच्छे दिन तो नहीं आए पर उनके बुरे दिन आने वाले हैं।  अब मैं भी  सावधान हो गया हूं । हर खूबसूरत चेहरा सती, सवित्री का नहीं होता कुछ सूपनखाएं भी सांप-छछूंदर की तरह सोशल मीडिया में छुछुवाती घूम रहीं हैं। पता चले आज मित्रता करो कल वे  चौपाटी पर घूमने के लिए प्रस्ताव भेंज दें और अगर मना करुं तो कहें- अबे! चवन्नी के चिरकुटी लाल नहीं चलोगे तो मी टू का डंडा पेल दूंगी। इसलिए आज से कसम खा लिया है फेसबुक की खूबसूरत हसीनाओं से सौ नहीं हजार कोस दूर । अपनी एक ही मूली पत्तों से भारी है, दूसरी से कौन जान जहमत में डालेगा।

अक्सर बड़े-बड़े अधिकारी और मोटे-ताजे ऊंचे ओहदे वाले नेता मंत्रियों के आगे-पीछे फाइलों की उठा-धरी करने के लिए सेक्रेटरी टाइप की सुंदर फूलझड़ियां छोड़ दीं जातीं हैं। फिर आग और फूस के मेल में, दिलो के खेल में चिंगारी न उठे धुंवा न उठे, असंभव। अब यह चिंगारी कहीं दबा दी जाती है तो कहीं हालातो के साथ समझौता करके खुद-ब-खुद दब जाती है। अब देखना ये है, अमेरिका से आए इस मी टू के वायरस से कितनों की खटिया खड़ी और बिस्तरा गोल होगा, पर यह भी शोध किया जाए कि कहीं कोई सूपनखा किसी भोले-भाले आदमी का लंगोट खींच कर नंगा न कर दे। नंगई का यह अभियान सफाई अभियान की तरह हर गली-कूचे तक पहुंचना चाहिए। तभी यह स्वच्छता अभियान सफल होगा। आमीऩ़!

#सुरेश सौरभ
निर्मल नगर लखीमपुर खीरी

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

दो फूल एक माली

Mon Nov 12 , 2018
अहमदाबाद के नजदीकी गाँव, नदी किनारे स्थित था | उस गाँव में संजय और सारिका दोनों सुख चेन से रहते थे | दोनों में गहरा प्यार था | इस वजह से संजय और सारिका ने प्रेम शादी किया था | संजय पोलिस की नौकरी करता था | संजय और सारिका […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।