होली रंग

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shashank sharma1

टेसू खिले,कानन में,
महुआ महके,वन में..
लो फिर से,फागुन आया,
रंग लाया जीवन में।

आम बौराया,फिर आने को,
कोयल व्याकुल,है गाने को..
भ्रमर प्यासा,रस पाने को,
बसंत इतराया,यौवन में।

लो फिर से,फागुन आया,
रंग लाया जीवन में।।

महक उठे,सब बाग़,
गूंज उठे,अब फ़ाग..
विरह बड़ी,है आग,
अब चैन नहीं,नैनन में।

लो फिर से,फागुन आया,
रंग लाया जीवन में।।

भीड़ बढ़ी,पनघट पर,
नज़र अड़ी,नटखट पर..
क्या होगा,अगले पट पर,
कुछ छुपा,कान्हा के मन में।

लो फिर से,फागुन आया,,
रंग लाया जीवन में।।

क्यों मारी है,पिचकारी,
मेरी भीगी,अंगिया सारी..
ये धोखा है,गिरधारी,
रंग डाला,सब तन मन में।

लो फिर से फागुन आया,
रंग लाया जीवन में।।

मेरी सूनी पड़ी,फुलवारी,
रंग भर दे,अब वनवारी..
में रहूँ सदा,आभारी,
तेरा नाम बड़ा,जन जन में।

लो फिर से फागुन आया,
रंग लाया जीवन में।।

ओ करुणा के सागर,
ओ कान्हा नटवर नागर..
मेरी प्रीत से भर दे गागर,
तेरा नाम छुपा चितवन में।

लो फिर से फागुन आया,
रंग लाया जीवन में।।

                                                                           #शशांक दुबे

परिचय : शशांक दुबे पेशे से उप अभियंता (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना), छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश में पदस्थ है| साथ ही विगत वर्षों से कविता लेखन में भी सक्रिय है |

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।