अमेरिकी सेना ने ईरान के जनरल की हत्या कर दी। जोकि विश्व को एक बार फिर आग के गोले के ओर अमेरिका के द्वारा धकेल दिया गया। अमेरिका ने ईरान के जनरल की हत्या क्यों की इसके पीछे भी कई प्रकार के तर्क हैं। विश्व स्तर के राजनीति के जानकारों […]

अठ्ठारह नवंबर से तीन दिन के लिए मेरठ के एक निजी विश्वविद्यालय में आयोजित क्रांतिधरा मेरठ साहित्यिक महाकुंभ में यूं तो देश विदेश के हिंदी एवं विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों ने भाग लिया।लेकिन चाहे पुस्तक प्रदर्शनी का उदघाटन हो या फिर साहित्यिक महाकुंभ का उदघाटन सरस्वती पुत्रो को पीछे धकेलकर […]

मनुष्य की भांति भाषाओं का भी अपना समय होता है जो एक बार निकल जाने के बाद वापस नहीं लौटता।इसे हम संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश इत्यादि के साथ घटित इतिहास के द्वारा समझ सकते हैं।यह ऐतिहासिक तथ्य है कि आदिकाल में राजस्थानी मिश्रित डिंगल और पिंगल शैली तथा बुंदेली एवं […]

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सांप की बाॅबी में हाथ डाल दिया है। उन्होंने उप-राष्ट्रपति वेंकय्या नायडू, आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और आंध्र के अन्य नेताओं को अपने एक ऐसे तर्क में लपेट लिया है, जो मूलतः गलत है लेकिन जिसने सभी नेताओं की बोलती बंद कर […]

कुछ बातें प्रकट होने पर भी हमारे ध्यान में नहीं आतीं और हम हम उनकी उपेक्षा करते जाते हैं और एक समय आता है जब मन मसोस कर रह जीते हैं कि काश पहले सोचा होता. भाषा के साथ ही ऐसा ही कुछ होता है. भाषा में दैनंदिन संस्कृति का […]

आखिरकार! सर्वोच्च न्यायालय ने देश के सबसे ऐतिहासिक, मौलिक, महत्वपूर्ण, बड़े और प्राचीन अयोध्या विवाद का सर्वोच्च न्याय कर दिया। जो भारतीय न्यायपालिका के इतिहास और आमजन के मानस पटल में युगे-युगिन स्वर्ण अक्षरों में अमिट रहेगा। दिव्य न्याय में किसी की हार है ना जीत, फैसला है समुचित और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।