पावन त्याग और अतुलित बलिदान की यशोभूमि का नाम है भारत वर्ष। शिशु अजय सिंह के बलिदान, साहिबजादा जोरावर सिंह व साहिबजादा फतेह सिंह का प्राणोत्सर्ग, शिशु ध्रुव के तप, शिशु प्रह्लाद की भक्ति, शिशु कृष्ण की बाललीला और वयोवृद्ध फौलादी बाबू वीर कुँवर सिंह की युद्धनीति तथा राष्ट्रवादी भावना […]

वाह रे सियासत सत्ता की छांव में सब कुछ संभव है सत्ता की हनक के नीचे बड़े-बड़े अधिकारी मूक-दर्शक मात्र बनकर रह जाते हैं। यह एक ऐसा सत्य है जोकि जग जाहिर है। समय-समय पर ऐसा सदैव ही देखा गया है। कभी वही प्रशासन बहुत ही तेज तर्रार रूप रेखा […]

साहित्य अकादमी के पुरस्कार पाने की होड़ एक और संविधान की अष्टम अनुसूची में स्थान पाने की होड़ का रूप ले रही है तो दूसरी ओर कुछ बोलियाँ साहित्य अकादमी की मान्यता के आधार पर अष्टम अनुसूची में स्थान पाना चाहती हैं। इस प्रकार संघ की राजभाषा हिंदी सहित भविष्य […]

समावेशी नेतृत्व का अर्थ बड़ा ही व्यापक और संधर्ष करने वाला होता है, जो संयम, धैर्य और सहनशीलता के साथ सबको समान भावना के साथ समावेश कर आगे बढ़ने को प्रेरित करे।जो खुद की नहीं अपितु अपने संगठन अपने लोगो के आगे बढाने की सोच रखे वही नेतृत्व कहलाता है। […]

जगत गुरु कहे जाने वाले देश भारत के युवाओं के चहुँमुखी विकास में सबसे बड़ी बाधा है नशा । नशा शब्द सोचते ही दो प्रश्न उठते है – क्यो ? ओर कौन जिम्मेदार है? कुछ लोग इसके लिए व्यक्ति संगती को जिम्मेदार ठहराते है अपितु असल समस्या कुछ और है। […]

कितने लोग होंगे जो छोटे शहर से राजधानी के बीच ट्रेन से डेली – पैसेंजरी करते हैं ? रेलगाडियों में हॉकरी करने वालों की सटीक संख्या कितनी होगी ? आस – पास प्राइवेट नौकरी करने वाले उन लोगों का आंकड़ा क्या है , जो अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।