आधुनिक तकनीकी को पारिस्थितिकी से माफी माँगनी चाहिए – मनोज श्रीवास्तव साझा संसार नीदरलैंड्स की पहल पर ‘साहित्य में पर्यावरण का वैज्ञानिक अध्ययन’ शोध ग्रंथ पर विमर्श आयोजन ऑनलाइन संपन्न हुआ।इस आयोजन की अध्यक्षता प्रख्यात, वरिष्ठ साहित्यकार एवं मध्यप्रदेश शासन के सेवा निवृत, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने […]

अक्षर देह के रूप में सदैव विराजित रहेंगे दादा रामनारायण-श्री उपाध्याय इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति में कालजयी साहित्यकारों की चित्र शृंखला में सोमवार को पदम् श्री रामनारायण उपाध्याय जी के चित्र का लोकार्पण हुआ। श्रीमध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर ने उनकी 106वीं जयंती पर उनके चित्र का अनावरण […]

इंदौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम कालजयी साहित्यकार स्मरण शृंखला में आज मंगलवार को शमशेर बहादुर सिंह के साहित्यिक कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए उन्हें उनकी रचनाओं के साथ याद किया गया। 13 जनवरी, 1911 को जन्मे और 12 मई, 1993 को इस संसार […]

इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम सृजन विविधा में शुक्रवार को कई विषयों पर रचनाकारों ने अपनी रचनायें सुनाईं, जिसमें विशेष तौर से लोकतंत्र के महापर्व ’मतदान’ के महत्व को प्राथमिकता दी गई। ज्ञातव्य है कि इन्दौर में लोकतंत्र का उत्सव 13 मई को होगा उसमें […]

(मणिमाला शर्मा, इन्दौर) इंदौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक सृजन विविधा कार्यक्रम में रचनाकारों ने विविध भावों और रंगों की रचनायें सुनाईं, जिसमें मॉं की महिमा, मतदान के महत्व को भी शामिल किया गया। कार्यक्रम का संचालन कर रही साहित्यमंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने कहा कि रचना […]

इंदौर। देश और दुनिया में इस तिथि को इंदौर से ज़्यादा याद रखा जाता है और ख़ास कर हिन्दी जानने, समझने और अपनाने वाले लोगों के बीच में तो महत्त्वपूर्ण है इंदौर से जुड़ी यादें। इंदौर में 20 अप्रैल 1935 से अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रारंभ हुआ था, जिसमें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।