इंदौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा प्रति शुक्रवार आयोजित होने वाले ‘सृजन विविधा’ सम्पन्न। कार्यक्रम में डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ का आतिथ्य रहा। डॉ. पद्मा सिंह ने कहा कि ‘कविता की परिधि और व्याकरण का ध्यान रखकर रचना का सृजन करना महत्त्वपूर्ण होता है।’ काव्य पाठ सत्र में किशोर […]

वृक्ष घाव नहीं, छावँ देते हैं इन्दौर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा वृक्षारोपण एवं पर्यावरण के प्रति जागरुकता के लिए तैयार किए पोस्टर का लोकार्पण इन्दौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य विपिन नीमा ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष […]

चंडीगढ़। रूसी साहित्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारतीय साहित्यकार डॉ. माधव कौशिक को ‘दाॅस्तोएव्स्की स्टार अवॉर्ड’ से सम्मानित किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें रूसी विज्ञान एवं संस्कृति केंद्र (रूसी हाउस), नयी दिल्ली द्वारा 6 जून 2025 को प्रदान किया जाएगा। यह समारोह सुबह 10:30 […]

मुम्बई। दक्षिण भारत के कई राज्यों से लेकर महाराष्ट्र तक हिन्दी भाषा को लेकर उपजे विरोध के बीच महाराष्ट्र राज्य सरकार ने हिन्दी भाषा को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार, महाराष्ट्र के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक हिन्दी को तीसरी […]

इंदौर। माँ सरस्वती का आराधक, साहित्य सर्जक इस संसार से विदा होकर भी अपने सृजन-कृतित्व के कारण अपनी यादों के साथ जीवन्त रहता है, यह बात राष्ट्रीय कवि एवं श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के सभापति सत्यनारायण सत्तन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहीं। प्रसंग था समिति के पूर्व प्रबंध […]

पहली बार कन्नड़ भाषा की किताब को मिला सम्मान नई दिल्ली। भारत की कन्नड़ भाषा की लेखिका बानू मुश्ताक़ को साल 2025 का बुकर सम्मान मिला है। यह पहली बार है जब कन्नड़ भाषा की किताब को यह सम्मान मिला है। बानू मुश्ताक़ ने यह इतिहास अपनी कहानियों की किताब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।