मूल्यों के पुनर्वास की आवश्यकता को रेखांकित करती पुस्तकें-डॉ. शैलेन्द्र शर्मा इंदौर। वर्तमान भ्रमित समय में हमें भौतिकवाद से परे अपने मूल्यों के पुनर्वास पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इन पुस्तकों में लेखिकाओं ने इसकी वर्तमान स्थिति, कारण और समाधानों पर सार्थक अभिव्यक्ति दी है। अंतस को स्पर्श करती […]

इंदौर। खड़ी बोली के सशक्त कवि तथा संस्कृत छन्दों को हिन्दी में प्रस्तुत करने वाले अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध को सादर स्मरण करते हुए श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति ने कालजयी रचनाकार स्मरण शृंखला में उन्हें याद किया। पहले उनके चित्र के साथ प्रिय प्रवास की एक रचना को रेखांकित […]

बाल साहित्य की रचना करना आसान नहीं- श्री माहेश्वरी संस्मय सम्मान से श्रीमती मंगल सम्मानित इन्दौर। वरिष्ठ लेखिका प्रेम मंगल की बाल कविताओं के संग्रह मेहेर का लोकार्पण क्षेत्रीय कार्यालय जीपीओ सभागार में सोमवार को हुआ। संस्मय प्रकाशन द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन व सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि पोस्ट मास्टर […]

सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर एकजुट हो साहित्य जगत : डाॅ. विकास दवे इंदौर। स्कूली बच्चों ने शनिवार सुबह साहित्य जगत के बीच कविताओं के माध्यम से यातायात सुधार के लिए संदेश दिया। वामा साहित्य मंच द्वारा मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के शिवाजी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों […]

पुस्तकों की असल पहुँच पाठक हैं, और यदि आपके भीतर भी पाठक है और आप पुस्तकें पढ़ते हैं तो लिखिए किसी भी एक हिन्दी पुस्तक की समीक्षा। आप यदि समीक्षा लिखते हैं तो मातृभाषा डॉट कॉम विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर लाया है आपके लिए पुस्तक समीक्षा लेखन प्रतियोगिता। […]

इंदौर। हिन्दी भाषा के लिए साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश शासन द्वारा अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार के लिए चयनित मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा जलियांवाला बाग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कविता प्रतियोगिता में दिल्ली की चन्द्रमणि मणिका विजेता बनीं। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।