वामपंथ को आज भारत में शक की निगाहों से देखते हुए इसको सीधा-सीधा उग्रवाद से संबद्ध करते हुए उपद्रवी,बाग़ी और आतंकवादी प्रवृत्तियों के निकट लाकर देखा जा रहा है,लेकिन इस तरह से देखने के दो स्पष्ट कारण दिखाई देते हैं। पहला यह कि परंपरावादी प्रारम्भ से वामपंथ के विरोध में […]
मातृभाषा
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