धुएँ से धुआँ हुई है,अब जिंदगी , तम्बाकू से बर्बाद हुई है जिंदगी | बचना चाहते हो अगर तुम इससे , तम्बाकू छोड़ो बचा लो ये जिंदगी || धुआँ राख़ कर रहा है ये जिंदगी , मिला रहा है ये ख़ाक में जिंदगी | बंद करो उड़ाना तुम इस धुएँ […]
रेत पर नाम लिखने से क्या होगा। क्या उनको संदेशा तुम दे पाओगें। जब वो आये यहां पर घूमने को। उसे पहले कोई लहर आ जायेगी। और जो तुमने लिखा था संदेशा। उसे लहर बहा कर ले जाएगी। रेत पर नाम लिखने से क्या होगा।। अगर करते हो सही में […]
जीने नहीं देता मरने नहीं देता ये दर्द भी अब उबरने नहीं देता भुखमरी ऊपर से ये लॉक डाउन काम करना चाहे करने नहीं देता सोचते थे फिर से सँवर जायेंगे हालात ऐसे हैं सँवरने नहीं देता बढ़ते ही रहती रही परेशानी बहुत हद हो गई , धीरज धरने नहीं […]
विकार बढ़ गए सब तरफ़ रिश्ते हो गए सब तार तार अंग प्रदर्शन की होड़ लगी खो गए है अदब लिहाज बड़े छोटे का सम्मान नही बाप बेटे मे भी प्यार नही बहनो की लाज संकट मे माँ तक से रहा दुलार नही घोर कलियुग का दौर है रहा किसी […]
देश भर के किसान एक साथ आगे आ रहे हैं। पहली बार, मध्यम वर्ग उनका समर्थन कर रहा है। डॉक्टर, वकील, आम लोग उनकी मदद कर रहे हैं। यह आशा की जानी चाहिए कि आज स्वर की आवाज़ कुछ परिणाम देगी। राजधानी दिल्ली में एक बार फिर किसानों का जमावड़ा […]
मै हूं एक मिट्टी का घड़ा, सड़क के किनारे मै पड़ा। बुझाता हूं मै सबकी प्यास, कुम्हार मुझे लिए है खड़ा।। खुदाने से खोदकर मिट्टी लाता है, तब कहीं कुम्हार मुझे बनाता है। बड़ी मेहनत से सुखा तपा कर, तब कहीं वह मुझे बाजार लाता है बुझाता हूं प्यासे की […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।