हमें दूध दही घी खाना है, भारत को स्वस्थ बनाना है। दूध नहीं ये अमृत है, नित इसको हमें पी जाना है। पोषक तत्वों की खान है ये, हमें जन जन को समझाना है। ना करना कोई बहाना है, भारत को को स्वस्थ बनाना है। हमें दूध………….. चाहे खीर बनाओ […]

आओ, मिलकर विश्वास की एक नई अलख जगाएं जो छूट रूठ गए हैं उन्हें एक धागे में फिर से पिरोएं ना कोई दुखी हो ना कोई भी रोने पाए आओ, मिलकर एक नए भोर का गीत गाएं चारों दिशाओं में है मौत का तांडव मचा ऐसे खूंखार कोरोना से कोई […]

नकारात्मकता मन से निकालो सकारात्मकता मन मे बसा लो परिवर्तित जीवन हो जायेगा सबकुछ अच्छा हो जाएगा नकारात्मकता जीवन पर भारी तनाव करता हम पर सवारी बीमारियो को निमन्त्रण देता शांति मन की हर लेता सारी सकारात्मकता अच्छा बनाती जीवन मे खुशिया ही आती कोई पराया न रहे जगत मे […]

भारत में उर्दू भाषा का स्थान १९८१ की जनगणना में समग्र रूप से छठा है, जिसमें ३५ मिलियन से अधिक वक्ता हैं, जिनमें से अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में केंद्रित हैं। इस लेख का हिस्सा : भारत में उर्दू भाषा का स्थान समग्र रूप से देश में छठा स्थान है। […]

जन्म दिया जिन्होंने,उन्हे कल भुला ना देना, हंस रहे हैं जो आज,उन्हे कल रुला ना देना।। सिखाया है जिन्होंने,उंगली पकड़ कर चलाना, कल उनके सपनों को मिट्टी में मिला ना देना। खिलाया है जिन्होंने तुम्हे खुद भूखा रहकर, उन्हें कभी भूल से भूखा मत सुला ना देना। पढ़ाया लिखाया है […]

रिश्तों का बंधन कही छूट न जाये। और डोर रिश्तों की कही टूट न जाये। रिश्ते होते है बहुत जीवन में अनमोल। इसलिए बीड़ी सिगरेट का करे त्याग ।। धूम्र पान जो करते है उनका जीवन बदल जाता है। स्वस्थ्य इंसान भी बीमार होने लगता है। और तब धर का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।