सात बरस के सांवरे,लीलाधारी श्याम। महाप्रभू के लाड़ले, हिय कीजे विश्राम।। हे जग नायक कुंज बिहारी। मेटो मन की पीढ़ा सारी।।1 कोंख देवकी जनम तुम्हारा। मातु यशोदा राज दुलारा।।2 संवत चौदह छाछठ आया। श्रावण कृष्णा तीज सुहाया।।3 रविवासर की प्रातः आई। प्रभु गोवर्धन प्रकटे भाई।।4 पहले वाम भुजा दिखलाई। ग्वाला […]
काव्यभाषा
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