हम तो राह के राहगीर है जो आते जाते मिल जाते है। और बातों ही बातों में अपनी कहानी सुना देते है। तब कही मोहब्बत के दीप जल जाते है। तो किसी के जीवन में अँधेरा छा जाता है।। इसी तरह के मेरे गीत कविता होते है। जो पाठको के […]

ज़िंदगी को गुलशन की तरह सजाना पड़ता है । गिरदाब से क़श्ती को फ़िर बचाना पड़ता है ।। सक़ाफ़त यही है कि ख़ुलूस से जीयें हम । रिश्तों को अदब से फ़िर निभाना पड़ता है ।। ज़िद पर अड़ जाये अगर कोई दुश्मन । रौब शख़्सियत का फिर दिखाना पड़ता […]

वो सफ़र में मिला नही होता। दर्द मेरा हरा नही होता। ज़िंदगी की पतंग भी उड़ती। डोर से फ़ासला नही होता। दूर नज़रों से मेरा हमसफ़र हैं। क़ाश मुझसे ख़फ़ा नही होता। आसमाँ में ग़र आशियाँ भी हो। इस जहाँ का पता नही होता। लब पे आकिब’ न नाम लाता […]

जिसके बिन जी न पाता था जिसके बिन मर न पाता था जिसे लांख दूर करना चाहूँ पर दूर भी न कर पाता था ख्वाब जो पनपा करते थे हाँ, तेरे लाल के नैनन में उन सभी ख्वाब को भी मैंने हरदम के लिए है सुला दिया देखो माँ, देखो […]

पेश ए नजर रात के नाम एक ख़त लिखने को जी चाहता है, ख्वाब के दरिये में साहिल पे उतरने को जी चाहता है । खुद को लिखके खुदी को मिटाने को जी चाहता है, ढूंढ रहे वो अक्स जो गुजरी पढ़ने को जी चाहता है। सर सीने पे रखके […]

ये कैसा काले जादू का सम्मोहन छाया है चारों ओर देश में जल रही हैं चिंताये श्मशानों में शव वाहिनी बनकर रो रही है गंगा बेरोजगारी से सिसक रहा है युवा शिक्षित भारत बाढ़ से अपने ही खेत, खलिहान, आशियानों को बहता देखता गरीब, मजदूर ,किसान आदमी । पेट की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।