घर की खुली खिडकियों से ना जाने क्यूँ आ जाते हैं ये बिन बुलाये मेहमान कभी उत्सुकता से मुझे देखते हैं तो कभी अपनी व्यस्तताओं में उलझ जाते हैं कभी अपने पंखों को फडफडाते हैं जैसे कर रहे हो अपने पे ही गुमान ना जाने क्यूँ आ जाते हैं ये […]
छाए फिर बादल असाड़ के ,वर्षा ऋतु का हुआ आगमन! मिट्टी की सोंधी सोंधी खुशबू संग प्रसन्न हो रहा मेरा मन।। रिमझिम रिमझिम बारिश गिरे सब बीमारी और कष्ट मिटे , गर्मी से जो झुलस गया था उस तन की हर व्याधि हटे ।। जेठ माह के बाद किसान आषाढ़ […]
कौन कहता है बुढ़ापे में, इश्क का सिलसिला नहीं होता। आम तब तक मीठा नहीं होता, जब तक पिलपिला नहीं होता।। कौन कहता है बुढ़ापे में, जवानी कभी नहीं आती। वह कभी बूढ़ा नहीं होता, जब तक परेशानी नहीं आती।। कौन कहता है बुढ़ापे मे, आदमी शादी नहीं कर सकता। […]
वो मोहब्बत में इतने घाव देते रहे। हम उन्हें उनका उपहार समझते रहे। पर हद तो तब हो गई जब मेरे दिये। फूलों को उन्होंने आर्थी पर रख दिये। और जिंदा होते हुये भी वो अपनी। मोहब्बत को मेरी सामने मार दिये। बहुत शौक वो रखती है लोगों के । […]
जैविक आक्रमण के साथ तीसरे विश्व युध्द का शंखनाद चीन की ओर से हो चुका है। अमेरिका में इस कोरोना वायरस से 15 गुना ज्यादा खतरनाक वायरस तैयार किया जा रहा है। गुपचुप ढंग से अधिकांश देश ऐसी ही तैयारियों में जुटे हैं। इस युध्द में रक्षात्मक साधनों को एलोपैथिक […]
इस सुंदर जग को ईश्वर ने बड़े ही प्रेम से बनाया है । जगत में भिन्न-भिन्न जीव जंतु ईश्वर का अद्भुत निर्माण हैं । परंतु सबसे अलग जो निर्माण ईश्वर ने किया है, वह मनुष्य नामक प्राणी का है । संसार में प्रत्येक प्राणी की एक सीमित क्षमता है । […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।