फिरोजाबाद । टी.टी.एफ. सिनेमा (फिल्म प्रोडक्शन) के सौजन्य से छारबाग- फिरोजाबाद में कॉमेडी टेलीफिल्म – “ बहू की चोरी ” का फिल्मांकन किया गया । टीटीएफ सिनेमा जनपद फिरोजाबाद का सबसे पुराना क्षेत्रीय फिल्म प्रोडक्शन है । पहले इन्हें त्रिदेव टेलीफिल्मस के नाम से जाना जाता था । और इनके […]

दिलकी पीड़ा को नारी भली भाती जानती है। आँखों को आँखों में पढ़ना भी जानती है। इसलिए तो मोहब्बत नारी से शुरू होकर। नारी पर आकर ही समाप्त होती है।। मोहब्बत होती ही कुछ इसी तरह की। जो रात की तन्हाई और सुहाने मौसम में। उसे बैचैन कर देता है […]

कोरोना वायरस के हथियार से चीन ने जिस तरह से तीसरे विश्व युध्द का शंखनाद किया है उसके बाद से पूरी दुनिया में प्राणघातक जीवाणुओं के शोध, भंडारण और उनके उपयोग की विधियों ने आकार लेना शुरू कर दिया है। मानवीय काया स्वयं अपने ही कार्यों से मौत को गले […]

कोरोना काल में कोरोना के पहली और दूसरी घातक लहर में लाखों अपनों को खोने के बाद अभी आम जनता के आंसू सूख ही रहे थे कि ऐसे में सरकार ने महंगाई को दोगुना कर दिया ।जनता को महामारी के बाद पौष्टिक खानपान की आवश्यकता होती है यहां भी सरकार […]

हम भी किस से दिल लगाकर बैठे है। जो जमाने से डरकर घर में बैठे है। मोहब्बत की बातें दिन रात करते थे। जब मिलनेका वक्त आया तो डरके घरमें बैठे गये।। डर-डर के मोहब्बत तो हमने शुरु की थी। वो न जाने आज किस डरको ले बैठे है। अब […]

ज़िंदगी को गुलशन की तरह सजाना पड़ता है । गिरदाब से क़श्ती को फ़िर बचाना पड़ता है ।। सक़ाफ़त यही है कि ख़ुलूस से जीयें हम । रिश्तों को अदब से फ़िर निभाना पड़ता है ।। ज़िद पर अड़ जाये अगर कोई दुश्मन । रौब शख़्सियत का फिर दिखाना पड़ता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।