वो हमारी चाह में सारा जीवन बिता गए। आल के लिए अपनी सारी खुशियाँ लुटा गए।। ताउम्र हमारे लिए रात व दिन एक कर दिए। हम बदनसीब ठहरे जो अपना फर्ज़ भी अदा न किए।। हमनें उनको उनकी चाहतों का कैसा सिला दिया। जो सोचा था उन उम्मीदों को अब […]
तुझे भुला कर देखते है, ज़िन्दगी को फिर आज़मा कर देखते है। क्या फायदा है रो कर, नया ख़्वाब सजा कर देखते है। करते है नई शुरुआत फिर से, नये रास्ते पर चलकर देखते है। तुम तो चले गये हमे भूल कर, हम भी तुम्हे भुलाकर देखते है। जो खाली […]
अच्छा लगता है जब कहीं से कोई पूछता है हाल आपका हौले से यह कहकर कि आप कैसे हो ? महसूस होने लगती है कुछ गर्माहट रिश्तो की । टूटे हुए से संवाद कहीं फिर से जुड़ने की कोशिश करने लगते हैं । एक खालीपन का छाया हुआ सा बवंडर […]
रमेश आते ही अपनी चाची को गोद में उठा लिया और बोला – ” चाची ! मैं मेडिकल की परीक्षा में अब्बल नंबर से पास हो गया । “ और वह खुशी से फूला नहीं समा रहा था । अपनी चाची को गोद में उठाये झूमने लगा । ” अरे […]
भूल अगर हो जाए कभी क्षमा तुरन्त मांग लीजिए सामने अगर बड़े खड़े हो झुककर वंदन कीजिए सीखना हो जिससे तुमको उनका पहले सम्मान कीजिए छोड़ दे अहंकार की बाते स्वयं विन्रम हो जाइए हो जायेगे गैर भी अपने उनको गले लगा लीजिए परमात्मा की कृपा रहेगी याद उनको बस […]
सकारात्मक सोच से उद्बुद्ध , पूरे विश्व में खुशहाली प्रसारित करते विचारों से पूरित, सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करती, कवयित्री- डॉ. अर्चना ‘अर्चि’ की कविताओं की बगिया, जिसकी हर कविता रूपी कली अपने सौंदर्य और सुगन्ध से पूरे विश्व को आल्हादित करते हुए, प्रस्फुटित होने के लिए तत्पर है। ‘मुट्ठी […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।