कैसा है यह मन बावरा, अनजाने डर से यह घबराता न कोई अपना न कोई पराया, फिर भी ढूंढे यह साथी पहचाना ना जाने कैसा है यह मन बावरा—- पता है इसको माहौल पुराना कि जहाँ वाह वहां अफवाह फिर भी अफवाहों से यूं ही डर जाता मेरा मन बेचारा […]

भक्ति में अंघ श्रद्धा समाई ज्ञान कराता आत्म बोध भक्ति हमे समर्पण सिखाती ज्ञान कराता विवेक बोध परमात्म भक्ति भी जो करे फल उसको जरूर मिलता बढ़ चले जो ज्ञान मार्ग पर परमात्म साथ उसे मिलता परमात्म हमारा रूहानी पिता हम है उनकी आत्म सन्तान फिर याचना कैसी,हक से मांगो […]

बाल एक जीवित पदार्थ है जो स्तनधारियों के शरीर पर ही पाया जाता है। यह त्वचा की बाहरी सतह से निकलने वाली एक रेशेदार संरचना है। मुड़ पैरों वाले कीड़ों में भी ऐसी संरचनाएं होती हैं जो शरीर से बाहर निकलती हैं, लेकिन उन्हें बाल नहीं कहा जाता है क्योंकि […]

तू ही जननी, तू ही विनाशनी, तू ही शक्ति स्वरूपा है। तू ही दुर्गा, तू ही काली, तू ही माँ जगदम्बा है। ममता का वात्सल्य भी तू है, तू ही गौरी माता है। सतीत्व की मूरत है तू, कभी सावित्री कभी अनुसूया माता है। तू ही दिति, तू ही अदिति, […]

हर्षद मेहता का रायपुर से नाता… हर्षद मेहता एक बार फिर सुर्खियों हर्षद मेहता एक बार फिर सुर्खियों में है। इसका कारण हर्षद पर बनी एक वेब सीरीज़ ‘ #स्कैम1992’ आजकल प्रसारित हो रही है। हर्षद पहली बार तब सुर्खियों में आये थे, जब देश का शेयर मार्केट धड़ाम से […]

कब तक घुट घुट जियेगी नारी? कब तक आजादी को तरसेगी? कब तक आंसू के घूंट पीयेगी? कब तक खुशियों को तरसेगी? कब तक सबकी खुशी की खाति, गला अपनी खुशियों का घोंटेगी? कब तक सबके मान की खातिर, हरपल अपने सम्मान को बेचेगी? लेती जन्म जिस घर मे नारी, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।