‘भाषा’,,,एक माध्यम जिससे हम अपने भावों और विचारों को बोलकर,लिखकर या सुनकर अपनी बात किसी को समझा या बता सकते हैं। यह ‘भाषा’ की सबसे सरलतम परिभाषा है,जिसे किसी भी भाषा विशेष के ‘व्याकरण’ के प्रथम अध्याय में व्याख्यापित किया जाता है। ‘भाषा’ शब्द का अंकुर जब पुस्तकीय गर्भ से […]
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काली महाकाली सिद्ध काली भद्रकाली मातु, घोर रुपधारिणी तुम्हारी करूँ वन्दना।। रुप विकराल धर दुष्टों को संहारती हो, राक्षसों के मुंड माल धारिणी की वन्दना।। लाल के संवारो काज बिगड़ी बनाने वाली, काली कलकत्ता वाली बार –बार वन्दना।। पूत हूँ तुम्हारा नाम नीरज अवस्थी मेरी, अँखियों के सपने संवारो माँ की वन्दना।। […]