मेरे देश का सम्मान होना ही था लबों पर मुस्कान होना ही था मेरे मुल्क से है कितनी चाहत सच कहूं अभिमान होना ही था साया हो सर पर गर माँ पिता का काम जो हो आसान होना ही था रब की होती है बड़ी मेहरबानी समस्या कोई हो निदान […]
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भाषाई पत्रकारिता के सबसे बड़े आधार स्तंभ स्व. प्रोफेसर कमल दीक्षित एक प्रयोगधर्मी, रचनाधर्मी और विकासगामी पत्रकारिता के पैरोकार थे। वे एक सहज, सरल इंसान थे और पत्रकारिता के चलते-फिरते स्कूल थे। वे फक्कड़ पत्रकार और मूल्य आधारित पत्रकारिता में सबसे अग्रणी थे। आंचलिक पत्रकारिता को बढ़ावा देने में उनका […]