अम्बे माँ का दरबार, खुशियों का है भंडार। मैया देती है सबको, खुशियाँ अपार। अम्बे माँ का…….. माथे पे बिंदिया सोहे, कानों में कुंडल। गले पुष्प माला सोहे, पैरों में पायल। होकर सिंह पे सवार, लेकर हाथों में तलवार। मैया देती है सबको, खुशियाँ अपार। अम्बे माँ का……….. झोली सबकी […]

राजयोगिनी जानकी पर डाक टिकट हुआ जारी उपराष्ट्रपति ने नमन कर राजयोग महत्ता स्वीकारी कानून मंत्री रविशंकर भी इस पल के साक्षी बने ब्रह्माकुमारीज सेवा के आज सभी अनुगामी बने पांच रुपये के डाक टिकट पर दादी जानकी खूब सजी है परमधाम से मुस्कुरा रही शिव बाबा की कीर्ति बड़ी […]

आओ हम सब मिलकर अपना नववर्ष मनाएं। घर घर हम सब मिलकर नई बंदनवार लगाए। करे संचारित नई उमंग घर घर सब हम, फहराए धर्म पताका अपने घर घर हम। करे बहिष्कार पाश्चातय सभ्यता का हम, अपनी सभ्यता को आज से अपनाए हम। आओ सब मिलकर नववर्ष का दीप जलाए […]

लिखता मैं आ रहा हूँ गीत मिलन के। रुकती नहीं कलम मेरी लिखने को नए गीत । क्या क्या मैं लिख चुका मुझको ही नहीं पता। कब तक लिखना है, ये भी नहीं पता। लिखता में आ रहा…..।। कभी लिखा श्रृंगार पर, कभी लिखा इतिहास पर । और कभी लिख […]

चारों ओर छुआछूत की बीमारी भारत में फैली थी, इंसानों ने इंसानों को अस्पृश्य मानकर भारत को नर्क बना दिया था । आदमी आदमी का शोषण कर रहा था । कदम-कदम पर असमानता के पैने कांटे बिखरे पड़े थे । उसी कालखंड में 14 अप्रैल 1891 ई. को मऊ, मध्य […]

परीक्षा मे ज्यादा नम्बर लेकर आना ही जीवन की राह तय नहीं करता ! इसके साथ – साथ ज्ञान भी जरूरी है ! सिर्फ अच्छे नम्बर से कोई जीवन मे सफलता हासिल नहीं कर सकता है ! ना ही डिवीज़न से ! कभी – कभी थर्ड डिवीज़न वाला भी आई.ए.एस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।