मैं यह शरीर नही हूं मैं एक आत्मा हूं पूरी तरह अशरीरी एक ज्योतिबिन्दु एक ऊर्जा मात्र जो रहती है इस शरीर की भृकुटि में मुझ आत्मा से ही चलता है यह शरीर पर समझता हूं शरीर को ही सबकुछ भूल जाता हूं आत्मा नही रहेगी तो देह हो जाएगी […]

अर्श से फर्श पर आने में, जरा भी देर नहीं लगती। बाजी को पलटने में , पल भर देर नहीं लगती।। मद में चूर मत होना, खुदा से दूर मत होना। दौलत के नशे में तुम, कभी मगरूर मत होना।। मुसीबत में साथ दे जो, दगा उससे ना तुम करना। […]

नाटक प्रदर्शन कला की वह शाखा है जिसमें भाषण, हावभाव, संगीत, नृत्य और ध्वनि के संयोजन का उपयोग करके कहानियों का अभिनय किया जाता है। भारतीय नाटक और रंगमंच का एक विशद इतिहास है। संगीत, ओपेरा, बैले, भ्रम, माइम, शास्त्रीय भारतीय नृत्य, काबुकी, ममर्स के नाटक, कामचलाऊ थिएटर, स्टैंड-अप कॉमेडी, […]

पर्यावरण के सामने , संकट है गंभीर प्रदूषित हो गए है आज हवा,थल,नीर ।। चला रहें पेडों पर ऑरी,कुल्हाड़ी,तीर स्वार्थ में खो गए,न जानी इनकी पीर ।। जंगल से गायब हो गए हाथी,शेर और मोर रहे ये कैसे जब न हो पेड,पक्षियों का शोर ।। धरती रही पुकार बचा लो […]

गये थे आज मंडी में लेने को कुछ फूल। वहां जाकर देखा तो एकदम दंग रह गए। की जो फूल लेने को हम यहाँ आये है। वो फूल पहले से ही पैरों में पड़े हुए है। अब मैं कैसे उन्हें लू प्रभु चरणों के लिये।। लगता है हमें आजकल किसी […]

मूल धर्म है शान्ति फिर क्यों होते अशांत नकारात्मकता होती जहां दुःख मिलता दिन रात तनाव बढ़ता चैन घटता जीवन बनता अभिशाप इससे मुक्त होने का सरल उपाय अपना लो अच्छा सोचो,अच्छा बोलो ओम शान्ति मन में बसा लो अशांतता दूर होगी अवगुण दूर हो जायेगे पवित्र मन ,पवित्र तन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।