जिस दिन सारे हिंदू, सिख, पठान चले। चुनकर वतन परस्ती की राह चले।। दिलों में लेकर इंसाफ़ की आस चले। भारत के वीर जवान चले।। छोड़ अपने घर संसार चले।। उनके भी अपने सपने थे। उनके भी प्यारे अपने थे।। उनको भी कहाँ मालूम यह था, कि यह सफ़र आखिरी […]

भोपाल। प्रदेश के प्रसिद्ध लेखक एवं वक्ता डॉ. जवाहर कर्नावट द्वारा 27 देशों की 120 वर्षों की हिंदी पत्रकारिता पर किए गए शोध कार्य को लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स 2023 में शामिल किया गया है। वैश्विक स्तर पर हिंदी पत्र-पत्रिकाओं के इस अनूठे संकलन और सामग्री विश्लेषण के कार्य को […]

हिंदी लेख माला के अंतर्गत डॉ. वेदप्रताप वैदिक यदि शिक्षा और चिकित्सा, दोनों सस्ती और सुलभ हों तो देश के करोड़ों लोग रोज़मर्रा की ठगी से तो बचेंगे ही, भारत शीघ्र ही महाशक्ति और महासंपन्न भी बन सकेगा। वाराणसी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

लघुकथाओं में प्रयोग स्थापित – पंकज त्रिवेदी खिड़की (लघुकथा संग्रह) लेखिका : यशोधरा भटनागर प्रकाशन-संस्मय प्रकाशन, 8 सी.एस.पी., ए.डी. ब्लॉक, शालीमार बाग़, दिल्ली-110088 मूल्य- 220/- संपर्क : 07067455455 यशोधरा भटनागर की सृजनात्मक शक्ति में नयापन, लचीलापन और लयात्मक अभिगम है। सुप्रसिद्ध रचनाकार तो हम कह देते हैं मगर रचनाकार से […]

हिंदी लेख माला के अंतर्गत डॉ. वेदप्रताप वैदिक डॉ. वेदप्रताप वैदिक संयुक्तराष्ट्र संघ में अभी भी दुनिया की सिर्फ़ छह भाषाएँ आधिकारिक रूप से मान्य हैं। अंग्रेज़ी, फ्रांसीसी, चीनी, रूसी, हिस्पानी और अरबी! इन सभी छह भाषाओं में से एक भी भाषा ऐसी नहीं है, जो बोलने वालों की संख्या, […]

भारत माता का मंत्र है वंदेमातरम- श्री अष्ठाना इंदौर। वंदेमातरम ने भारत में आज़ादी का बिगुल फूँका, मंत्र के रूप में भारतीय मेधा को जागृत किया। फाँसी के फंदे पर झूलने वाले को भी वंदेमातरम याद रहा। योजनाबद्ध ढंग से भूला दिया गया कई स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान। अब उन्हें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।