भारत की आज़ादी के ठीक 10 वर्ष बाद मध्य प्रदेश के धार में पिता रामगोपाल शर्मा जी के घर रमेश चंद्र शर्मा का जन्म हुआ। आपने स्नात्तकोत्तर हिंदी साहित्य, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, विधि स्नातक, आयुर्वेद रत्न, अद्यतन प्रथम श्रेणी तक शिक्षा प्राप्त की। 5 वर्ष सहायक प्राध्यापक हिंदी की नौकरी […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ देश ही नहीं अपितु विश्वभर में इस समय सोशल मीडिया बहुत आक्रामक शैली से कार्यरत है। कहते हैं यह घोड़ा बेलगाम होता जा रहा है, युवाओं में सोशल मीडिया आवश्यकता से कहीं अधिक लत बन चुका है। ऐसे दौर में यदि पीढ़ी को इस […]

१)      गुणों की खान   प्यारी हिंदी हमारी      है अभिमान।। २)     शब्द चुनते शब्द ही हैं बुनते    देखो किताबें।। ३)      मान बढ़ायें आओ कसम खायें राष्ट्रभाषा बनायें।। ४)        मन के चक्षु    खोलती हैं किताबें      बांटती ज्ञान।। ५)    देखो किताबें   होती […]

अनुरंजित भू आकाश त्रिकाल सूर्य प्रखर ॥१॥ खग विहंग कल्ररव नीरव मधुरतम ॥२॥ पादप गण फल छाया से भरे संत साधना ३॥ तटीनी बहे शांत वेग वाहिनी तपसन सी ॥४॥ संध्या बिखरी विमान लाल गोल सूर्य शीतल ॥५॥ सुरभि सपन जैन अलीराजपुर, मध्यप्रदेश साहित्यकार परिचय नाम – श्रीमति सुरभि सपन […]

1/नारी घर है नहीं तो मकान है यही सत्य है । 2/ज़िंदगी क्या है अनुभव की पूँजी सुख-दु:ख की। 3/जीवन गाथा घबरा गया है जो कायर है वो। 4/समय चक्र समझा है जिसने संतुष्ट है वो। 5/बीती ज़िंदगी व्यर्थ की बातों मे जो ध्यान दो अब उर्मिला मेहता, इंदौर, मध्य […]

1.सूरज कब, उदित होगा देखो, तुम ही जरा। 2.रोशनी ढूंढो, नयनों को तो खोलो, मैं देखूं जरा। 3.वर्षा ॠतु है, देखो बाढ़ आ गयी, फसलें गयी। 4.किसान रोया, सब खतम हुआ, मैंने हंसाया। 5.एकाकीपन, जो काटना होता है, खूब कठिन। श्रीमती प्रेम मंगल इन्दौर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मातृभाषा उन्नयन संस्थान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।