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१)
गुणों की खान
प्यारी हिंदी हमारी
है अभिमान।।
२)
शब्द चुनते
शब्द ही हैं बुनते
देखो किताबें।।
३)
मान बढ़ायें
आओ कसम खायें
राष्ट्रभाषा बनायें।।
४)
मन के चक्षु
खोलती हैं किताबें
बांटती ज्ञान।।
५)
देखो किताबें
होती ये धरोहर
हैं अनमोल।।
#साधना छिरोल्या
दमोह (म. प्र.)
#परिचय
*नाम –* साधना छिरोल्या
*जन्मतिथि –* 17-3-1964
*शिक्षा*- बी.एस. सी. बी.एड.(गणित)
*व्यवसाय* हिंदी साहित्यकार
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