इस जग में है बहु विज्ञाना, भौतिक रस अरुजीव समाना। भौतिक बाहर अंत रसायन, प्राणी पौधे जीवा आयन। चुम्बक विद्युत ध्वनि प्रकाशा, धरती तारे भौतिक खासा। जल जीवन है जल है आशा, जल संरक्षण जल विश्वासा। जल को रोके करें सिंचाई, जल से बिजली मिलती भाई। जल से करते साफ-सफाई, […]

1

जो शख्स इस गुमां में भटकता रहा ताउम्र, जज्ब अपनी मुट्ठी में सारे जहां को करूंगा मैं.. होकर रूखसत जहां से गया जब खाक-ए-कब्र में, हथेली में उसके चंद लकीरों के सिवा कुछ न था। —– तेरे लिए मेरे दिल में चाहत हो ऐसे, मोती के लिए तरसती हो सीप […]

आज मैं अपनी शर्तों पर जीना चाहती हूँ, चाय की चुस्की संग दिल का गीत गुनगुनाना चाहती हूँ। न रोक,न टोक, बेफिक्री से मौज में जीना चाहती हूँ.. आज मैं अपनी शर्तों पर जीना चाहती हूँ। ख़ुशी से विभोर होकर नाचूँ, न किसी के देख लेने की हिचक हो.. जो […]

माया माया में फँसीं, पप्पू में अखिलेश.. मोदी काशी में फँसे, देख रहा है देश। देख रहा है देश, ‘गधों’पर मस्ती छाए.. डिम्पल भउजी देख, कबीरा ललुवा गाए। कह सुरेश ‘वोटर’ को, हर कोई भरमाया.. बाभन तज मुस्लिम का, हाथ पकड़ ली माया।              #सुरेश […]

2

कुछ यादें,किस्से ज़ख्म समेट के, फटी उम्मीदों की चादर में लपेट के.. हर रिश्ते को अलविदा कर हम चले। घर की दर-ओ-दीवारों ने किए थे, वादे खामोश रहने के.. मेरे आँसूओं की वजह न बताने के, इन दीवारों से भी आज नागवार हो के.. हम चले..। ये कैसा आँगन, जो […]

`महिला शक्ति का मान-सम्मान और उसकी प्रतिष्ठा की रक्षा करने के साथ उनकी भावनाओं का आदर करना ही सही मायने में महिला दिवस मनाने जैसा है`क्योंकि, भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। संस्कृत में एक श्लोक है- `यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:` अर्थात्,जहां नारी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।