बीत गए दिन जवानी के, मेहनत और क़ुरबानी के.. जब तक था स्वार्थ, तब तक रहे साथ.. अब बेटा नहीं कहता पापा, जब से आया है बुढ़ापा। दिल में एक अरमान था, बेटे पर अभिमान था.. सोचा था बुढ़ापे में, बनेगा मेरा सहारा.. पर मेरी किस्मत ने, ये नहीं स्वीकारा.. […]

इंसान इंसान का दुश्मन हुआ, मोहब्बत और इखलास सब भूल गया। अपने मतलब के लिए, तहजीब और इंसानियत भूल गया।। जाने कैसी सीख में लगा, मजहब और ईमान गया। ऐसा भटका है राह-ए-तालीम से, खुद ही अपना घर भूल गया।। चारों तरफ फैला शैतानियत का जोर, रिश्वतखोरी का है बोलबाला। […]

इन दिनों यूपी में योगी, और बिहार में नीतीश कुमार.. मांस-मदिरा पर कर रहे, वह धारदार कलम से वार। दोनों की नेकी के चर्चे, अब सारी दुनिया में छा रहे.. हमने कहा भगवन जी, और नीतीश,योगी कब भिजा रहे। भगवान बोले सुरेन्द्र, तुम भक्ति करते जय जिनेन्द्र.. हम तो जय […]

उठो पार्थ, गांडीव उठाओ.. शर संधान करो। सम्मुख जो हैं, सिर्फ शत्रु हैं.. कोई सगा नहीं, अपमानित नारीत्व हुआ.. इनको कुछ लगा नहीं, ये आए हैं रण में केवल.. प्राणहरण करने, या तो तुझे मृत्यु देने.. या स्वंय वरण करने, सोचो मत.. ये पतित प्राण हैं, इनके प्राण हरो। सिर […]

हरियाणा के हिन्दी-हरियाणवी साहित्यकारों एवं लेखकों का महासम्मेलन  साहित्यिक सत्र के साथ हुआ l `नए दौर में हिन्दी: अभिव्यक्ति के विभिन्न आयाम`पर इसमें डिजिटल हिन्दी का 10 सूत्री रोडमैप के रुप में लिए गए फैसलों पर डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ ने आभार व्यक्त किया हैl सम्मलेन में यूनिकोड फॉन्ट्स की  अनिवार्यता, हिन्दी में […]

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इश्क में तेरे हम, दुनिया को भुला बैठे। अपनी वफा का ताजमहल, खुद ही जला बैठे।। मुकम्मल हो न सका, प्यार का अफसाना। इन्तजार में बैठा तेरे, तेरा ये दीवाना।। तन्हाई में हम कोई, गजल गुनगुना बैठे। इश्क में तेरे हम, दुनिया को भूला बैठे।।           […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।