हरियाणा के हिन्दी-हरियाणवी साहित्यकारों एवं लेखकों का महासम्मेलन साहित्यिक सत्र के साथ हुआ l `नए दौर में हिन्दी: अभिव्यक्ति के विभिन्न आयाम`पर इसमें डिजिटल हिन्दी का 10 सूत्री रोडमैप के रुप में लिए गए फैसलों पर डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ ने आभार व्यक्त किया हैl सम्मलेन में यूनिकोड फॉन्ट्स की अनिवार्यता, हिन्दी में टाइपिंग के लिए इंस्क्रिप्ट कुंजीपटल पर प्रशिक्षण, सभी कंप्यूटरों में हिन्दी में काम करने के लिए यूनिकोड का अनिवार्य प्रयोग सहित सभी कंप्यूटरों में हिन्दी में प्रूफ़िंग टूल्स को सक्रिय किया जाने पर सभी ने बात की है l प्राथमिक शाला से ही छात्रों कोहिन्दी कंप्यूटिंग का प्रशिक्षण दिया जाने, हिन्दी शिक्षकों के कंप्यूटर शिक्षण के लिए विशेष कार्यशालाएँ लगाने,हिन्दी में ई-शिक्षण और हिन्दी के ई-शिक्षण (साधन और साध्य के रूप में) कभी भी और कहीं भी शिक्षण के आधार पर वर्चुअल कक्षाओं का आयोजन करने, हिन्दी में विषय सामग्री के निर्माण के लिए सचिवालय में आधुनिक साधन-सामग्री के साथ हिन्दी अनुवादकों,संबंधित विषयों के विशेषज्ञों और कंप्यूटर विशेषज्ञों का विशेष कक्ष स्थापित किया जाने की भी बात रखी गईl हिन्दी में ई-प्रकाशन को सुगम बनाने के लिए और ई-पुस्तकों के प्रकाशन से संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए माइक्रोसॉफ़्ट द्वारा विकसित एमएस पब्लिशर जैसे सॉफ़्टवेयर का व्यापक उपयोग किया जाने की चर्चा भी हुईl डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ने बताया कि,भारतीय भाषाओं के प्रवाह की यही सही राह है।इस प्रकार के सुझाव व भाषा-प्रौद्योगिकी से जुड़े कई अन्य सुझाव दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भी मैंने रखे थे और कुछ को सम्मेलन ने स्वीकार भी किया था। फिर क्या हुआ,पता नहीं । कई अन्य महत्वपूर्ण मंचों व प्राधिकारियों को भी ऐसे सुझाव भेजे गए थे,पर कुछ खास होता नहीं दिखा ।हरियाणा के हिन्दी एवं हरियाणवी साहित्यकारों एवं लेखकों के महासम्मेलन द्वारा उक्त निर्णय लेना सराहनीय है, पर आवश्यक है कि ये निर्णय लागू हों । केवल निर्णय तक सीमित न रहें। भारतीय भाषाओं के प्रवाह की यही है सही राह । जिन महानुभावों ने पहल व प्रयास किए उन्हें बधाई ।
साभार–डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’