याद आते हैं वो दिन सुहाने, बचपन के वो पल मस्ताने। मोहल्ले भर में था हुड़दंग, मैं भी मिला था सबके संग। जब भी कोई खिड़की टूटती थी, हमें अपनी जीत दिखती थी। रोज रहता था छुट्टी का इंतजार, आता था जब इतवार। न भूख हमको सताती, न प्यास की […]
मैं तुम्हारी उर्मिला अशेष, चौदह बरस निर्मिषेष। एक दीप के सहारे, काटे मैंने बिना तुम्हारे।। तुम तो अक्षुण्य हो गए, भ्रात सेवा कर धन्य हो गए। मेरा किसी ने जिक्र न किया, तुम बिन कैसे-कैसे रही मैं पिया।। क्या इस चुप्पी पर बोलोगे! क्या भ्रात धर्म से मुझे तौलोगे? सीता […]
कहाँ हो रही चूक, कहाँ हो रही गड़बड़. आखिर क्या आंतरिक इस संसार में झगड़े की जड़।। हे मानव- संयत कर अपना मन, कुछ तो कर चिंतन.. यह सत्य है कि, एक-न-एक दिन होगा। तेरा इस संसार से बिछोह , फिर क्यों करता है- इतना मोह।। काहे को तू मेरा-मेरा […]
हे राम वहां तुम कैसे हो, कुछ तो बतलाना ऐसे हो। हैं भक्ति-भाव में डूबे हम, क्यूँ अपनेपन से रीते हैं।। अपने-अपने का रंग चढा़, पर,परहित कहां पर होता है। मन की सारी इच्छाओं का, अंत कहां पर होता है।। जीवन की आपा-धापी में, श्वांसों की गणना मंद हुई। धन […]
हम सभी के जीवन में, अक्सर आती है एक नई सुबह.. आपने सोचा कि क्यों प्रतिदिन एक नई सुबह आती है। जीवन को बेहतर बना लो या बदतर, पर होता ये है दिन दिन करके कुछ बदल जाता है। हम,हमारा व्यवहार, हमारा प्रेम और हमारी प्रीति.. इस तरह सबकुछ बदल […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।