नामा न कोई यार का पैगाम भेजिए, पिछली रुतों का सानेहा फूल भेजिए। बुझते मेरे खयाल उनमें लाखों सवाल, ख्वाब मैं मेरे सवाल का जवाब भेजिए। पैगाम लाई है अब हवा जाने कहां से, पत्तों पे मौसम का अज़ाब लीख भेजिए। जा के सुनूँ आसार-ए-चमन के क्या है, गुलाब में […]