शिक्षक का सम्मान हो, जो है ईश समान। सही राह दिखलाए देते हैं सद्ज्ञान। परिश्रमी नवोन्मेषी जो समाज की शान भावी के निर्माण  में इनका   योगदान । कर्तव्य और निःस्वार्थ से पढा बढाते  ज्ञान नमन करू मैं गुरु को शिक्षक नाम  महान। अपने पाल्य सा हमे देते है जो ध्यान […]

राधा और कृष्ण दोनों ने प्रीत की, कृष्ण ने कर्तव्य निभाए सबके प्रति केवल राधा को ही छोड़ दिया। फिर भी राधा कृष्ण को कभी विस्मृत नहीं कर पाई, कितना अंतर था दोनों की प्रीत में। कृष्ण के लिए कर्म पहले था प्रेम बाद में,और राधा के लिए तो प्रेम […]

मधुबन जीवन,एक महकता तपती धरा तब नीर बरसता। राही तू क्यों,छाँव तलाशे? आलौकित कर जीवन पथ को। जो मिल जाए,तू अपना रे, राह पर अपनी बढ़ता जा रे। सुख की रातें गन्ध मारती, दुःख ही है सुखों का सारथी। जलकर बाती उजियारे पाती, मिले न इच्छित तो जश्न मना। रीत […]

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निर्भया आज तुम खूब रोईं होंगी, आखिर न्याय मिल ही गया तुमको मगर तुम्हारे आंसूओं का मोल नहीं क्योंकि,तुम अकेली नहीं हर रोज अनगिनत निर्भया यहां चुपचाप या बिलकुल चुपचाप सुला दी जाती हैं, अपने ही लोगो द्वारा छली जाती है..। शायद तुम एक आवाज बनती, लेकिन कानून के कान […]

मेरे छत पर बैठी चिड़िया, मांगे मुझसे पानी रे.. बून्द-बून्द को तरसे आंगन, तरसे बाग-बागानी रे। ताल-तलैया सूख गए, सूखा आंख का पानी रे.. बादल रुठे,रुख ठूठे, रुठी बरखा रानी रे.. मेघराजा भूल गए मग, बिसरा चुल्लू पानी रे.. मेरी छत पर बैठी चिड़िया, मांगे मुझसे पानी रे..। बिन पानी […]

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तुमसे क्यों इतनी नजदीकियां हैं, नहीं जानती..। नहीं जानती, क्यों तुम अच्छे और अच्छे लगते हो..। पता नहीं, ये भी कि कितना, चाहती हूँ.. मगर जबसे मिली हूँ तुमसे, बस तुम्हारी तुम्हारी ही खुशियों की खुदा से दुआ मांगती हूँ। शायद कभी में न रहूँ, मगर तुम्हारे भीतर रहूंगी। जब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।