मन की गाँठें खोले हिन्दी। जीवन में रस घोले हिन्दी।। मैं भी बोलूँ, तुम भी बोलो। मन से जन-जन बोलें हिन्दी ।। जीवन में रस घोले हिन्दी। धरती बोले, अम्बर बोले। सरिता बोले, सागर बोले।। बूँद बोले, महासागर बोले। पवन बोले, सुमन बोले। झूम-झूम के ‘सावन’ बोले। मन का ताला […]

अक्सर लोग कहते हैं कि बड़े लोग कम बोलते हैं लेकिन, सच यह है कि कम बोलने लोग बड़े होते हैं वाचाल की शक्तियां बात- बात में ही बिखर जाती हैं। चिंतक की शक्तियां चिन्तन के सहारे निखर जाती हैं।। #सुनील चौरसिया ‘सावन’ कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) Post Views: 211

बेटी जवान, सिर का बनी बोझ दूल्हे की खोजl बेटा जवान, लाचार मम्मी-पापा हाय! बुढ़ापाl हे भगवान! किसान परेशान सिसके धान। गुलाब खिला, जीवन में महका मिट्टी में मिला। फूल महके, खग कूल चहके मन बहके। जलवे जले, जला जल-जीवन पापी तपन। धूप के तीर, नीर-तरु के तरे वर्षा से […]

माँ ममता के अमृत से जीवन को सींचे। मेरी जिन्दगी है पापा के पाँव के नीचे॥ कहते हैं पापा-बेटा,इच्छा भर पढ़ो। जीवन में उन्नति की चोटी पर चढ़ो॥ बढ़ते चलो,आगे बढ़ते चलो। अच्छाई के साँचे में सच्चाई से ढलो॥ पैसे की चिन्ता न करना बेटा। मन लगा के पढ़ना,मैं हूँ […]

विश्व को बचाना है तो वृक्ष लगाना सीखो भारत। बच्चों से प्यारे पौधों को पानी पिलाना सीखो भारतll सूख रहे हैं आम-कटहल,कट रहे हैं नीम-पीपल। रूठ गई है धरती मैया,रूठ गए प्यारे बादलll सूखा पड़ने से पहले नई कहानी लिखो भारत, विश्व को बचाना है तो वृक्ष लगाना सीखो भारत। […]

एक पेड़ था। धूप से उसके सारे पत्ते झुलस गए थे। जेठ की दुपहरी का कड़क तूफान…दो पत्तों मे पक्की मित्रता थी। एक धूप में तपकर सिहरते हुए अपने साथी से बोला-‘भाई! अब मैं मर जाऊँगा। जीवन में इतनी तपन है, मुझे नहीं मालूम था।’ दूसरा पत्ता मुस्कुराते हुए बोला-‘मरने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।