अदम्य शौर्य की परिभाषा तुम, बहादुरी की गाथा हो। नीरजा तुम सारे जग में, नारी जाति की आशा हो। धीरज भरा कूट कूट कर, साहस में लक्ष्मीबाई स्वरुपा हो। मौत भी जिसको डरा सकी ना, ऐसी शक्तिस्वरूपा हो। हाईजैक जब हुआ विमान, तू बिल्कुल ना घबराई। सूझ बूझ से नीरजा […]

जीवन में प्यारी निंदिया , श्रृंगार में न्यारी बिंदिया । अंखियों में छाए निंदिया , माथे पे साजे बिंदियां । दोनों करती खूब कमाल , करती दोनों खूब धमाल। दोनों बड़ी हैं बेमिसाल, खूबसूरती से मालामाल। अखियां सूनी निंदिया बिन, श्रृंगार है सूना बिंदिया बिन। जब साथ ना दे तन […]

ओ रे मनवा तू काहे को रोए, ये दुनियां है बेगानी। ना है जग में तेरा कोई , बन जा तू मीरा दीवानी। प्रभु चरणों में वार दे जीवन, ये दुनियां है आनी जानी। मतलब के हैं रिश्ते नाते , मत कर तू नादानी। सीता जैसी पतिव्रता संग, जग ने […]

ऐ बहारों सजा दो चमन को, मेरा महबूब आया हुआ है। ऐ घटा तू बरस जरा जम के, प्यार का नशा छाया हुआ है। ऐ सितारों सजा दो महफ़िल, मेरा मन आज बहका हुआ है। ऐ बहारों सजा दो चमन को, मेरा महबूब आया हुआ है। ऐ गुलशन महक जा […]

कर ले सब्र तू मेरे यारा , वक्त तेरा भी आएगा। कड़वे सब्र का सुन यारा, मीठा फल तू पाएगा। भटके हुए को राह दिखाना, टूटे हुए को सब्र बंधाना। बेबस लाचार गरीबों की, मदद को आगे हाथ बढ़ाना। चीर कलेजा पर्वत का तू, निर्मल जलधार बहाना। अम्बर का तू […]

अब हर रोज़ उनसे मुलाकात नही होती , हर छोटी-बड़ी कोई खास बात नही होती। कुछ मसरूफ़ वो भी है,कुछ समय हमारे पास भी नही, दूर रहने की वजह भी कोई ख़ास नही, चंद लम्हों की भी अब बरसात नही होती, अब हर रोज उनसे मुलाकात नही होती। पहले आते-जाते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।