इस तरह कभी तुमने सांझ को ढलते देखा है। दूर कहीं आसमां के तले जिंदगी को मिलते देखा है॥ चेहरे की झुर्रियाँ बताती हैं हमें कि उम्र को रफ्ता-रफ्ता ढलते देखा है। कचनार की शाखों से पूछो तो जरा, उसने कभी गुंचों को टूटते देखा है॥ उस वक्त वो था […]
प्यार हो सम्मान हो, और दिलों में मान हो.. संस्कार दिल में रहे, रंग रुप साथ हो। रुप रंग तब खिला, आज पिया जब मिला.. दिल की ये चाहत है, यूं हाथों में हाथ हो। प्यार हो इकरार हो, न कभी तकरार हो.. मन से मन जो जुड़े, बिन बोले […]
देश की खतिर दिल को तोड़े, घर अपना ये खुद ही छोड़े। कितने अरमा कितने सपने, ख्वाब सजाए दिल में कितने। याद सताए जब अपनों की, लिखी है पाती फिर सपनों की। मन बंजारा इत-उत डोले, पी की याद में मन ये बोले। लिख दूँ खत मैं तुमको जाना, मुश्किल […]
प्रियतम अपनी प्रेम कहानी, लगती है कोई प्रीत पुरानी। जनम-जनम की चाहत अपनी, मैं हूँ तेरी प्रेम दिवानी। तू मेरे मैं तेरे दिल में, मिलकर हमने प्रीत निभानी। संग में साजन तुम जो रहते, लगती फिर है शाम सुहानी। भूलूँ चाहे सारे जहाँ को, नही तुम्हारी प्रीत भुलानी। हँसते-हँसते जीवन […]
हमें कुछ नहीं चाहिए, बस लड़की संस्कारी चाहिए.. शादी ऐसी कर देना, दहेज कुछ न देना। बारात की खातिर, अच्छी कर देना.. अपनी बेटी को, जो चाहो दे देना.. बस समाज में मान रख लेना। चाहे दहेज कुछ न देना, जैसी हो रही है, शादी ऐसी कर देना.. चाहे दहेज […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।