“सुना है कि तुम तीर्थ पर गए थे ?” “सही सुना है तुमने “ “कौन से तीर्थ पर गए थे ?” “गांव ।” “गांव ! गांव कोई तीर्थ होता है क्या ?” “हाँ…” “वो कैसे ?” “क्योंकि वहाँ मेरे माता-पिता रहते हैं।” राम मूरत ‘राही’, इन्दौर परिचय- नाम — राम […]

बकरी का सबसे बड़ा योगदान बकरे पैदा करना। बकरी की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। अब किसकी सुरक्षा ज्‍यादा जरूरी है बकरी या बालिका की। बालिका गृह में सुरक्षित नहीं और बकरी कहीं भी। बकरी ने देश को इतने बकरे दिए। बकरे किसी ने किस्‍तों में काट लिए […]

देश में ठलुओं की कमी नहीं है। ठलुओं को ठंड सबसे ज्यादा लगती है। ठलुओं और ठंड का वही रिश्ता है,जो बाबूओं का लंच समय में ताश का। ठंड आते ही ठलुए सड़क पर ऐसे निकल आते हैं जैसे `प्रेम-दिवस` से पहले लड़का दोस्त और लड़की दोस्त। ये दीगर बात […]

  साली देखने में अच्छी लगती है,उसकी बात करने में आनन्द आता है,कुछ को मजा भी आता है। साली के साथ विचरण की इच्छा में न जाने कितने जीजा भ्रष्टाचार की तरह बदनाम हो जाते हैं। साली,सत्ता की तरह होती है। साली के आते ही जीजा की नजरों में अजीब-सी […]

देश साहित्यकारों से अटा पड़ा है। हर गली-मुहल्ले, शहर सब स्थानों पर `शादी ही शादी` के बैनर जैसे साहित्यकार ही साहित्यकार के बैनर अटे पड़े हैं। मंच पर श्रोता और मंच के सामने साहित्यकार बैठे पाए जाते हैं। ये कुछ भी नया नहीं है। साहित्यकार तो पहले भी होते रहे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।